नई दिल्ली : अमेरिका में बसे यह वही भारतीय मूल के बिजनेसमैन हैं, जिनके कहने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के मुसलमानों को आतंकवादी गतिविधियों को लेकर अपनी चुनाव कैंपेन के दौरान धमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी.
ट्रंप को जिताने में शलभ का बड़ा योगदान
ट्रंप को व्हाइट हाउस पहुंचाने में भारतीय मूल के बिजनेसमैन शलभ कुमार का भी बड़ा हाथ रहा है. मालूम हो कि चुनाव कैंपेन के दौरान शलभ ने ट्रम्प को लगभग दस लाख डॉलर (लगभग 6 करोड़ रुपए) का चंदा देने का एलान करके सनसनी फैला दी थी. शलभ रिपब्लिकन हिंदू कोलिशन के फाउंडर हैं. अमेरिका में प्रेसिडेंट इलेक्शन में अधिकतम साढ़े चार लाख का चंदा ही दिया जा सकता है. उन्होंने अपनी पत्नी के जरिए बाकी का चंदा ट्रम्प को दिया था.
अमृतसर जिले के रहने वाले है शलभ
पंजाब राज्य के अमृतसर में जन्में शलभ के पिता एक सिविल सर्वेंट थे. शलभ कुमार 20 साल से अमेरिका में रह रहे हैं. शलभ ने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज फिर इलिलाइज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की है. उन्होंने एवीजी एडवांस्ड टेक्नोलॉजिस कंपनी खड़ी की हैं. यह कंपनी ऑटोमेशनकंट्रोल,सेमी-कंडक्टर्स,टेली-कम्युनिकेशन जैसी कई फील्ड में काम करती है.
ट्रंप की जीत के बाद तीन बार आ चुके हैं भारत
अपनी ट्विटर टाइमलाइन पर सबसे ऊपर रखे ट्वीट में शलभ ने दावा किया कि उन्होंने 65 प्रतिशत हिंदुओं को ट्रंप को वोट देने के लिए राजी किया. शलभ पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं. ट्रंप की जीत के बाद से शलभ भारत के तीन दौरे कर चुके हैं. हाल के दौरे के बाद उन्होंने बाबा रामदेव के साथ फोटो डाली थी. ट्वीट में पीएम मोदी और ट्रंप की बेटी इवांका ट्रम्प को भी टैग
किया था. अपने ट्वीट में अमरीका में योग से जुड़ी एक लाख नौकरियां पैदा करने की बात की है. वहीं भारत-अमेरिकी बिजनेस को 10 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना का भी जिक्र किया गया है.
पाकिस्तान की फंडिंग रोकने के लिए चलाया था कैंपेन
साल 2011 में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद शलभ ने इंडियन अमेरिकन कम्युनिटी से पेटिशन साइन कराई थी. इसमें अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को सभी साहयता राशी में कटौती की
मांग की गई थी. आपको बता दें कि शलभ के बेटे ने विक्रम आदित्य ने 2007 में मिस इंडिया पूजा चितगोपेकर से शादी की थी. न्यूजीलैंड में हुई इस शादी को सबसे लैविश शादी कहा गया था.