shabd-logo

भितरघातियों से सावधान :- आचार्य अर्जुन तिवारी

28 दिसम्बर 2021

39 बार देखा गया 39

*ईश्वर की बनाई यह सृष्टि बड़ी ही बिचित्र है ! यहाँ सब कुछ देखने को मिलता है ! यहाँ समाज का भला करने वाले देवता हैं यहीं समाज में विघटन पैदा करने वाले दैत्य भी हैं ! हमारा देश भारत आदिकाल में विश्वगुरु एवं सोने की चिड़िया कहा जाता था क्योंकि यहाँ देवत्व था ! परंतु समय के कुचक्र ने यहाँ कुछ दैत्यीय गुणों को उजागर होने का अवसर दिया ! कोई भी देश , समाज ,  परिवार अभी टूटता है जब विपक्षियों को भितरघातियों का साथ मिलता है |  इतिहास गवाह है कि हमारा देश भारत यदि समस्या में आया है तो उसका कारण यह चंद भितरघाती ही रहे जो कुछ लोगों के विश्वास पात्र बनकर उनका ही गला काटते रहे हैं | याद कीजिए सलावत खां के कहने पर अमर सिंह राठौर को धोखे से उनके साले ने ही मारा , यदि जयचंद जैसा भितरघाती ना होता तो शायद पृथ्वीराज चौहान कुचक्र में न फंसते ! मुगलों ने जब भारत पर आक्रमण किया तो समाज में पनपने वाले इन्हीं भितरघातियों ने उनका साथ दिया और भारत को मुगलों के हवाले कर दिया | जब अंग्रेज आए और उन्होंने भारत पर शासन करना चाहा तो उनको भी कुछ चंद भितरघातियों का ही साथ मिला जिन्होंने उनके साथ मिलकर अपने ही देश के लोगों को ठगा और इसका परिणाम यह हुआ कि हमारा देश भारत टुकड़ों में बढ़ता चला गया और पराधीन हो गया | सबसे बड़ी बात तो यह होती है यह भितरघाती कभी भी अपना दोष नहीं मानते हैं और निर्लज्ज बन करके समाज में स्वघोषित सम्मानित व्यक्ति बन कर रहना चाहते हैं , परंतु इनके कृत्यों को समाज जानता है और इन्हें कभी भी सम्मान नहीं मिल पाता | आज भी ऐसे लोगों का नाम बड़े ही आसम्मान से लिया जाता है और इतिहास इनको हेयदृष्टि से देखता है | समय बदल गया ,  परिवेश बदल गया परंतु आज भी समाज में अनेकों भितरघाती घूम रहे हैं जो समय - समय पर अपने स्वभाव के अनुसार कृत्य किया करते हैं और इनको अपने किए गए कार्यों का पछतावा भी नहीं होता | ऐसे लोग सदैव समाज एवं परिवार के लिए घातक रहे हैं | इनसे सावधान रहते हुए अपने देश , समाज एवं परिवार की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का प्रथम कर्तव्य होना चाहिए !  अन्यथा यह भितरघाती तत्व अपने इन कृत्यों में सतत प्रयत्नशील ही रहेंगे |*


*आज समाज में इन भितरघातियों की संख्या में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है | यत्र तत्र सर्वत्र इनके दर्शन किए जा सकते हैं |  विश्वासपात्र बन करके विश्वासघात करना इनका स्वभाव बन गया है | आज हमारे देश भारत में , समाज में या किसी भी परिवार में ऐसे लोग भितरघात करने के बाद बड़ी निर्लज्जता के साथ प्रस्तुत होकर अपना पक्ष भी रखते हैं | मैं "आचार्य अर्जुन तिवारी" आज समाज में स्पष्ट रूप से देख रहा हूं कि ऐसे लोग जो बड़े-बड़े मंचों से देश , समाज और परिवार के विरोध में कार्य करते हैं और उसके बाद टीवी चैनलों पर या किसी भी परिवार में बड़ी ही निर्लज्जता के साथ अपनी बात को सही ठहराने का प्रयास कर रहे हैं | समाज की प्रथम इकाई परिवार होता है और आज अनेक परिवार इन भितरघातियों के कारण ही टूट रहे हैं | एक दूसरे की बुराई करके ,  एक दूसरे को तोड़कर अपनी ओर मिला लेना आज की राजनीति का प्रथम पाठ हो गया है | ऐसे लोगों में निर्लज्जता कूट-कूट कर भरी होती है | येन केन प्रकारेण यह अपनी ही बात को सही ठहराने में सतत प्रयत्नशील रहते हैं | कुछ लोगों का वरदहस्त प्राप्त करके ऐसे लोग समाज में फल फूल रहे हैं | परिवार या समाज के मुखिया को अपना विश्वासपात्र बनाकर उन्हीं की पीठ में छुरा घोंपकर परिवार को तोड़ने का कार्य यह लोग करते रहते हैं | आज पुनः आवश्यकता है कि ऐसे लोगों की पहचान करके अपने देश , समाज व परिवार को बचाया जाय , अन्यथा यह लोग अपने कृत्य करते रहेंगे और देश ,  परिवार एवं समाज विखंडित होता रहेगा | यह भितरघाती कहीं बाहर से नहीं आते हमारे बीच से ही निकल कर हमारे साथ ही विश्वासघात एवं भितरघात करके हम से ही अपना पक्ष रखते हैं | ऐसे लोगों से सदैव सावधान रहने की आवश्यकता है |*


*हमें इतिहास से शिक्षा लेकर के वर्तमान समय में ऐसे लोगों की पहचान करने की आवश्यकता है , और जिस प्रकार दूध से मक्खी निकाल कर फेंक दी जाती है उसी प्रकार ऐसे लोगों को स्वयं से बिलग करने में ही भलाई है अन्यथा यह कितने घातक हो जाएंगे कुछ कहा नहीं जा सकता |*

article-image


19
रचनाएँ
AcharyaArjunTiwari
5.0
सनातन धर्म से जुड़े विषय
1

चाणक्य नीति

9 जनवरी 2018
0
0
0

♻🌼♻🌼♻🌼♻🌼♻🌼♻ ‼ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼ 🏵 *जीवन - दर्शन* 🏵 🌺🌟🌺🌟🌺🌟🌺🌟🌺🌟🌺 *लालनाद् बहवो दोषास्त् ,* *ताडनाद् बहवो गुणाः।* *तस्मात्पुत्रं च शिष्यं च ,* *ताडयेन्न तु लालयेत् ॥* *अधिक लाड़ से अनेक दोष तथा अधिक ताड़न से गुण आते ह

2

दंडकारण्य का रहस्य

28 जनवरी 2018
0
1
0

🎄🌸🎄🌸🎄🌸🎄🌸🎄🌸🎄 ‼ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼ 🌼♻🌼♻🌼♻🌼♻🌼♻🌼 *सतयुग में राजा इक्ष्वाकु के 100 पुत्र उत्पन्न हुए | उन पुत्रों में सबसे छोटा मूर्ख और उद्‍दंड था | इक्ष्वाकु समझ गए कि इस मंदबुद्धि पर कभी न कभी दंडपात अवश्य होगा इसलिए वे उसे 'दंड' के नाम से पुकारने लगे | जब वह बड़ा

3

सुप्रभातम्

2 मई 2018
0
0
0

http://acharyaarj🍏🍎🍏🍎🍏🍎🍏🍎🍏 ‼ *भगवत्कृपा हि केवलम्*‼ *अधिकतर लोग दिखावे के चक्कर में ही घनचक्कर बनकर घूमते रहते हैं। उनकी सोच बस दिखावे के सीमित दायरे में घूमती रहती है। हम इस धरती पर कुछ भी लेकर नहीं आए थे और जाते समय भी हाथ खाली ही होगे, फ़िर किसको और क्या दिखाना चाहते हैं? अगर पैसा अ

4

राम http://acharyaarjuntiwariblogspot.com/

2 मई 2018
1
0
0

5

शिखा धारण

10 सितम्बर 2018
0
0
0

*शिखा धारण करने का वैज्ञानिक महत्व 👇* *मस्तकाभ्यन्तरोपरिष्टात् शिरासम्बन्धिसन्निपातो रोमावर्त्तोऽधिपतिस्तत्रापि सद्यो मरणम् - सुश्रुत श. स्थान* *सरलार्थ »» मस्तक के भीतर ऊपर की ओर शिरा तथा सन्धि का सन्निपात है वहीं रोमावर्त में अधिपति है। यहां पर तीव्र प्रहार होने पर तत्काल मृत्यु संभावित है। शिख

6

एकादशी में चावल क्यों वर्जित है ? :- आचार्य अर्जुन तिवारी

25 नवम्बर 2020
1
0
0

🌻🌳🌻🌳🌻🌳🌻🌳🌻🌳🌻 ‼ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼*माता शक्ति क्रोध से भयभीत होकर मेधा ऋषि ने शरीर का त्याग करके धरती में समा गये एवं जौ तथा धान (चावल) के रूप में प्रकट हुए । इसलिए जौ एवं चावल को जीव माना गया है । जिस दिन यह घटना घटी उस दिन एकादशी थी ! जो लोग व्रत रहते हैं उनके लिए तो अन्न भ

7

भगवान की निद्रा का रहस्य :- आचार्य अर्जुन तिवारी

25 नवम्बर 2020
0
0
0

🏵️⚜️🏵️⚜️🏵️⚜️🏵️⚜️🏵️⚜️🏵️⚜️ ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️🎈🌞🎈🌞🎈🌞🎈🌞🎈🌞🎈🌞*भगवान की निद्रा का रहस्य**जब भगवान ने वामन रूप में बलि का सर्वस्व हरण किया तो उसकी दानशीलता से प्रसन्न होकर भगवान ने उससे वरदान माँगने को कहा ! राजा बलि ने भगवान से कहा कि जब आपने हमें पाताल का राज्य दि

8

हमारे पितर :-- आचार्य अर्जुन तिवारी

25 सितम्बर 2021
0
2
2

<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425142f7ed561c89

9

पितृपक्ष :- आचार्य अर्जुन तिवारी

27 सितम्बर 2021
1
1
2

<p>*सनातन धर्म संस्कृति में आश्विन कृष्ण पक्ष अर्थात पितृपक्ष का बड़ा महत्व है | ऐसा कहा जाता है कि

10

श्राद्ध की पूर्णता :- आचार्य अर्जुन तिवारी

30 सितम्बर 2021
0
2
0

<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425142f7ed561c89

11

श्राद्ध में संकल्प का महत्व :- आचार्य अर्जुन तिवारी

2 अक्टूबर 2021
1
1
0

<p>*सनातन धर्म में श्राद्ध का बड़ा महत्त्व है | श्राद्ध शब्द श्रद्धा से बना है | मृतात्मा के प्रति श

12

अपने आचरण से पितरों को करें संतुष्ट :-- आचार्य अर्जुन तिवारी

3 अक्टूबर 2021
0
1
0

<p>*सनातन धर्म ने मानव मात्र से मानवता का पाठ पढ़ाया है | जिसके अन्तर्गत प्रत्येक मनुष्य को यह भी प्

13

तर्पण से होती है पितरों को तृप्ति :- आचार्य अर्जुन तिवारी

4 अक्टूबर 2021
1
1
0

<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425142f7ed561c89

14

कब करें किसका श्राद्ध :- आचार्य अर्जुन तिवारी

5 अक्टूबर 2021
0
1
0

<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425142f7ed561c89

15

बिना भक्ति के भव से पार नहीं होंगे :- आचार्य अर्जुन तिवारी

21 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p><br></p> <p>*सुनु खगेस हरि भगति बिहाई !*</p> <p>*जे सुख चाहहिं आन उपाई !!*</p> <p>*ते सठ महासि

16

मनुष्यों की करें पहचान :- आचार्य अर्जुन तिवारी

27 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>*इस संसार में ईश्वर ने सभी जड़ चेतन को एक विशेष गुण प्रदान किया | वही गुण उसको विशेष बनाते

17

भितरघातियों से सावधान :- आचार्य अर्जुन तिवारी

28 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>*ईश्वर की बनाई यह सृष्टि बड़ी ही बिचित्र है ! यहाँ सब कुछ देखने को मिलता है ! यहाँ समाज का भला कर

18

आत्मनिरीक्षण - आचार्य अर्जुन तिवारी

11 जनवरी 2022
1
1
0

*हमारे पूर्वज सद्विचार एवं सद्भाव के माध्यम से समाज में स्थापित हुये | उनके आचार -;विचार , व्यवहार समाज के लिए प्रगतिशील थे | उसका कारण था कि वे समय-समय पर आत्म निरीक्षण करते रहते थे | यही आत्म निरीक्

19

हे इन्दर राजा कृपा करउ/ कविता :- आचार्य अर्जुन तिवारी

15 सितम्बर 2022
1
0
0

*दिन भै पानी खुब बरस रहा ,* *मनई सब घरहिं लुकाय गये !**लागत है देवतन कै राजा ,* &nbs

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए