*ईश्वर की बनाई यह सृष्टि बड़ी ही बिचित्र है ! यहाँ सब कुछ देखने को मिलता है ! यहाँ समाज का भला करने वाले देवता हैं यहीं समाज में विघटन पैदा करने वाले दैत्य भी हैं ! हमारा देश भारत आदिकाल में विश्वगुरु एवं सोने की चिड़िया कहा जाता था क्योंकि यहाँ देवत्व था ! परंतु समय के कुचक्र ने यहाँ कुछ दैत्यीय गुणों को उजागर होने का अवसर दिया ! कोई भी देश , समाज , परिवार अभी टूटता है जब विपक्षियों को भितरघातियों का साथ मिलता है | इतिहास गवाह है कि हमारा देश भारत यदि समस्या में आया है तो उसका कारण यह चंद भितरघाती ही रहे जो कुछ लोगों के विश्वास पात्र बनकर उनका ही गला काटते रहे हैं | याद कीजिए सलावत खां के कहने पर अमर सिंह राठौर को धोखे से उनके साले ने ही मारा , यदि जयचंद जैसा भितरघाती ना होता तो शायद पृथ्वीराज चौहान कुचक्र में न फंसते ! मुगलों ने जब भारत पर आक्रमण किया तो समाज में पनपने वाले इन्हीं भितरघातियों ने उनका साथ दिया और भारत को मुगलों के हवाले कर दिया | जब अंग्रेज आए और उन्होंने भारत पर शासन करना चाहा तो उनको भी कुछ चंद भितरघातियों का ही साथ मिला जिन्होंने उनके साथ मिलकर अपने ही देश के लोगों को ठगा और इसका परिणाम यह हुआ कि हमारा देश भारत टुकड़ों में बढ़ता चला गया और पराधीन हो गया | सबसे बड़ी बात तो यह होती है यह भितरघाती कभी भी अपना दोष नहीं मानते हैं और निर्लज्ज बन करके समाज में स्वघोषित सम्मानित व्यक्ति बन कर रहना चाहते हैं , परंतु इनके कृत्यों को समाज जानता है और इन्हें कभी भी सम्मान नहीं मिल पाता | आज भी ऐसे लोगों का नाम बड़े ही आसम्मान से लिया जाता है और इतिहास इनको हेयदृष्टि से देखता है | समय बदल गया , परिवेश बदल गया परंतु आज भी समाज में अनेकों भितरघाती घूम रहे हैं जो समय - समय पर अपने स्वभाव के अनुसार कृत्य किया करते हैं और इनको अपने किए गए कार्यों का पछतावा भी नहीं होता | ऐसे लोग सदैव समाज एवं परिवार के लिए घातक रहे हैं | इनसे सावधान रहते हुए अपने देश , समाज एवं परिवार की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का प्रथम कर्तव्य होना चाहिए ! अन्यथा यह भितरघाती तत्व अपने इन कृत्यों में सतत प्रयत्नशील ही रहेंगे |*
*आज समाज में इन भितरघातियों की संख्या में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है | यत्र तत्र सर्वत्र इनके दर्शन किए जा सकते हैं | विश्वासपात्र बन करके विश्वासघात करना इनका स्वभाव बन गया है | आज हमारे देश भारत में , समाज में या किसी भी परिवार में ऐसे लोग भितरघात करने के बाद बड़ी निर्लज्जता के साथ प्रस्तुत होकर अपना पक्ष भी रखते हैं | मैं "आचार्य अर्जुन तिवारी" आज समाज में स्पष्ट रूप से देख रहा हूं कि ऐसे लोग जो बड़े-बड़े मंचों से देश , समाज और परिवार के विरोध में कार्य करते हैं और उसके बाद टीवी चैनलों पर या किसी भी परिवार में बड़ी ही निर्लज्जता के साथ अपनी बात को सही ठहराने का प्रयास कर रहे हैं | समाज की प्रथम इकाई परिवार होता है और आज अनेक परिवार इन भितरघातियों के कारण ही टूट रहे हैं | एक दूसरे की बुराई करके , एक दूसरे को तोड़कर अपनी ओर मिला लेना आज की राजनीति का प्रथम पाठ हो गया है | ऐसे लोगों में निर्लज्जता कूट-कूट कर भरी होती है | येन केन प्रकारेण यह अपनी ही बात को सही ठहराने में सतत प्रयत्नशील रहते हैं | कुछ लोगों का वरदहस्त प्राप्त करके ऐसे लोग समाज में फल फूल रहे हैं | परिवार या समाज के मुखिया को अपना विश्वासपात्र बनाकर उन्हीं की पीठ में छुरा घोंपकर परिवार को तोड़ने का कार्य यह लोग करते रहते हैं | आज पुनः आवश्यकता है कि ऐसे लोगों की पहचान करके अपने देश , समाज व परिवार को बचाया जाय , अन्यथा यह लोग अपने कृत्य करते रहेंगे और देश , परिवार एवं समाज विखंडित होता रहेगा | यह भितरघाती कहीं बाहर से नहीं आते हमारे बीच से ही निकल कर हमारे साथ ही विश्वासघात एवं भितरघात करके हम से ही अपना पक्ष रखते हैं | ऐसे लोगों से सदैव सावधान रहने की आवश्यकता है |*
*हमें इतिहास से शिक्षा लेकर के वर्तमान समय में ऐसे लोगों की पहचान करने की आवश्यकता है , और जिस प्रकार दूध से मक्खी निकाल कर फेंक दी जाती है उसी प्रकार ऐसे लोगों को स्वयं से बिलग करने में ही भलाई है अन्यथा यह कितने घातक हो जाएंगे कुछ कहा नहीं जा सकता |*