नई दिल्ली: दिवाली की रात सेन्ट्रल जेल से प्रहरी की हत्या करकर फ़रार हुए सिमी आतंकियों की फ़रारी के बाद एक्सपर्ट अब यह सवाल उठा रहे हैं कि यह संभव कैसे है कि किसी सेन्ट्रल जेल से कोई क़त्ल को अंजाम देकर बड़ी आसानी से फ़रार हो जाए और उसके बाद 9 घंटे तक आराम से घूमता रहे। उन आठो एनकाउंटर और उनके पास आधुनिकतम हथियारों की मौजूदगी को लेकर भोपाल आई जी योगेश चौधरी के कथन पर सवाल? । एक्सपर्ट द्वारा पूछे गये कुछ महत्वपूर्ण सवाल...
1. हाई अलर्ट होने के बावजूद 35 आतंकियों को रखे जाने वाली जेल की सुरक्षा मात्र 2 सिपाहियों के भरोसे क्यों रखी गयी?
2. प्रदेश की सीमा से बाहर भागने के लिए 8 से 9 घण्टे समय पर्याप्त होता है ! इस लम्बे वक़्त में उन्हें आधुनिकतम हथियार कहा से और किससे प्राप्त हुए, आईजी भोपाल का यह बयान कई रहस्य और आशंकाओं को जन्म दे रहा है?
3. कुछ वर्षों पूर्व सिमी आतंकवादियों के खंडवा जेल से फ़रार हो जाने की घटना से भी सरकार ने सबक क्यों नहीं लिया? क्या सरकार या शिवराज सिंह चौहान ज़िम्मेदारी और जवाबदेही शब्द का मतलब ही नहीं जानती, या कुछ करना ही नहीं चाहती?
4. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर पूरे देश में हाई अलर्ट रखे जाने की बात कही गयी थी, जिसमे दीपावली पर्व को लेकर स्पष्ट निर्देश थे तब मध्यप्रदेश ने उन निर्देशों की अनदेखी क्यों?
5. जेल मैन्युअल के अनुसार किसी भी जेल में 8 से अधिक दुर्दांत अपराधियो को नही रखा जाना चाहिए, तो राजधानी की जेल में एक साथ 35 आतंकियों को रखा क्यों गया?
6. घटना में कौन कौन शामिल है, इसमें सरकार, जेल प्रशासन और अन्य विभागीय अकर्यमन्यताओ, असफलताओं और लापरवाही को मुख्यमंत्री कितना जिम्मेदार मानते है?