नई दिल्लीः विश्वविद्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने करारा प्रहार किया है। हाई कोर्ट ने सभी केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों को चार महीने के भीतर लोकपाल की नियुक्ति करने का आदेश दिया है। मकसद है विश्वविद्यालयों में लंबित शिकायतों का समय से निपटारा हो। मुख्य न्यायधीश जी रोहिणी और संगीता ढींगरा की खंडपीठ ने दिल्ली विवि को यूजीसी (शिकायत निवारण) कानून 2012 के प्रावधानों के संदर्भ लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश दिया।पीठ ने कहा कि यूजीसी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सक्षम है, जो "जानबूझकर या लगातार लोकपाल के आदेश का पालन करने में विफल रहते हैं।"
क्या कहा हाई कोर्ट ने
दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून के पूर्व छात्र ने जनहित याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, "दिल्ली विश्वविद्यालय तुरंत सभी आवश्यक कदम उठाएगा और यूजीसी (शिकायत निवारण) कानून 2012 के प्रावधानों के संदर्भ में यथाशीघ्र अधिमानत: आज से चार महीने के भीतर लोकपाल की नियुक्ति करेगा। याचिका में पूर्व छात्र ने खास तौर पर विश्वविद्यालयों के संदर्भ में यूजीसी के नियमों का अनुपालन नहीं होने का आरोप लगाया था।