shabd-logo

भुजंगप्रयात

hindi articles, stories and books related to Bhujangparayat


भुजंगप्रयात छंदहुई नोट बन्दी ठगा सा जमाना।किसी को रुलाना किसी को हँसाना।।कहीं आँसुओं की झड़ी सी लगी है।कहीं पे खुशी की दिवाली जगी है।।इकट्ठा जिन्होंने किया वित्त काला।उन्हीं का पिटा आज देखो दिवाला।।बसी थी

संबंधित किताबें

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए