नई दिल्ली : इनसे मिलिए ये हैं बिहार के वर्ल्ड रिकार्डधारी आईएएस अधिकारी एसएम राजू. एक ही दिन में 90 लाख से ज्यादा पेड़ लगाकर जहां राजू ने दुनिया को चौका दिया. वहीँ इनकी खुद कि जिंदगी कम चौकाने वाली नहीं है. साल 1973 में राजू एक गंभीर बीमारी कि चपेट में आ गए और उनकी पढ़ाई-लिखाई चौपट हो गयी. जब डॉ. ने उन्हें जवाब दे दिया तो आयुर्वेद कि मदद से किताबें पढ़-पढ़ कर उन्होंने उन औषधियों को खोज निकाला.
खुद कर चुके हैं अपना इलाज
उस औषधी से न उनकी बीमारी ठीक हुई बल्कि 1991 आते-आते वह देश के आईएएस अफसर बन चुके थे. 'इंडिया संवाद' से एक बातचीत में राजू ने बताया कि उनकी दवाई अश्वगंधा, आवंला, नीम, बेल और गोकुल जैसी जड़ी बूटियों से बनी हैं. और नई जिंदगी देने कि यह एक अदभुत औषधि है. इसी औषधि से राजू ने अपने पिता की गंभीर बीमारी से उन्हें निदान दिला दिया.
देश की जनता का उद्धार करने की पहल
और तो और वह यहीं नहीं रुके. वह अपनी इस दवा से देश के अन्य परेशान लोगों को भी निदान दिलाना चाहते थे. जिसके चलते वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले. चूँकि नीतीश के पिता और भाई भी आयुर्वेद के जानकर थे लिहाजा नीतीश कुमार ने उन्हें दो महीने की छुट्टी देकर इस दवा को आयुष मंत्रालय से लाइसेंस (पेटेंट) करने की सलाह दी. कुछ ही महीने पहले देश के आयुष मंत्रालय ने राजू की दवा को स्वीकृति प्रदान कर दी है.
राजू की दवा बनायेगी बेंगलोर की कंपनी
राजू ने बताया कि उनकी दवा को बेंगलोर कि एक कंपनी बना रही है और उन्हें ख़ुशी है कि इस दवा से वह देश के कई लोगों को लंबी बीमारी से मुक्त करा सकें. इतना ही नहीं उनकी यह दवा 11 अक्टूबर को लांच होगी. राजू ने बताया कि इस समारोह के मुख्य अतिथि आयुष मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार मंत्री श्रीपद येस्सो नाइक होंगे. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री थवरचन्द गहलोत और गिरिराज सिंह होंगे.