पटना: देश में हर तबके के लोगों तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाने के लिए जहां पीएम मोदी 'प्रधानमंत्री जन-धन योजना' लेकर आए. देश में बैंको की कमी को देखकर सरकार ने बैंकिंग लाइसेंस बांटने शुरु किए. लेकिन सरकार की इस महत्वाकांक्षी पहल पर बैंक वाले पानी फेर रहे हैं. क्योकिं बैंकों के खिलाफ ग्राहकों के शिकायत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. यानी बैंक की सर्विस से परेशान होकर ग्राहकों ने शिकायत करनी शुरु कर दी है. जानकर हैरानी होगी की सिर्फ बिहार और झारखंड के लोगों ने साल 2015-2016 कर पांच हजार से ज्यादा शिकायतें की है.
बढ़ रही है शिकायतें
साल 2015-16 में मिली करीब 5003 शिकायतों में से अकेले बिहार से 3441 शिकायतें की गई. वहीं झारखंड से करीब 1284 शिकायतें ग्रहकों द्वारा बैंको को की गई है. आप को बता दें ये आंकड़ा पिछले साल से 12.27 फीसदी ज्यादा है. पिछले साल करीब 4456 शिकायतें बैंको को मिली थी.
सरकारी बैंको की सबसे ज्यादा शिकायतें
शिकायतों के मामले में सबसे आगे सराकारी बैंक हैं. अगर एसबीआई की बात की जाए तो अकेले 2247 शिकायतों के साथ लिस्ट में सबसे ऊपर है. जबकि अन्य सराकरी बैंक के खिलाफ 2013 शिकायतें मिली है. प्राइवेट बैंक के खिलाफ 337 शिकाये मिली है. बाकी शिकायतें अन्य बैंकिंग सैक्टर से जुड़े उरक्रमों के खिलाफ मिली है.