नई दिल्लीः हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार पांच हजार कांस्टेबलों की भर्ती में घिर गई है। शिकायत है कि इसमें पैसे के दम पर शारीरिक परीक्षण में सफल तमाम अभ्यर्थियों को सूची से बाहर कर दिया गया। अभ्यर्थियों की याचिका पर चंडीगढ़ हाई कोर्ट ने खट्टर सरकार और कर्मचारी चयन आयोग को नोटिस देकर जवाब तलब किया है।
याचिका में हुई शिकायत
पुलिस भर्ती के दावेदारों ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा कि 19 जुलाई 2015 को पांच हजार पुरुष कांस्टेबल भर्ती के लिए विज्ञापन राजी हुए। आवेदन आमंत्रित हुए। दावेदारों को फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए बुलाया गया। शर्त के अनुसार याचिकाकर्ताओं ने पांच किलोमीटर की रेस 25 मिनट में पूरी कर दी। मगर, जब फिजिकल स्क्रीनिंग का रिजल्ट निकाला गया तो उनका नाम गायब रहा।
जो दौड़ में पीछे रहे वो सफल घोषित
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि फिजिकल स्क्रीनिंग में कई कंडीटेड दौड़ पूरी नहीं कर सके थे, मगर, रिजल्ट में उनके नाम सफल उम्मीदवारों की सूची में शामिल रहे। जबकि उन्होंने दौड़ पूरी की फिर भी सूची में शामिल नहीं किया गया। इससे साफ पता चलता है कि भर्ती में धांधली हो रही।
परीक्षा में शामिल होने का मौक मिले या रिजल्ट रद हो
याचिकाकर्ताओं ने चंडीगढ़ हाईकोर्ट से दो मुख्य मांग की है। कहा है कि या तो उन्होंने कांस्टेबल भर्ती की 28 अगस्त को होने जा रही लिखित परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए। या फिर फिजिकल स्क्रीनिंग का हरियाणा सरकार की ओर से जारी रिजल्ट रद किया जाए।