नई दिल्ली: ट्रक चालकों से लगातार मिले 20 रुपयों के बिलकुल नये करारे नोट ने बालू माफिया से सांठ-गांठ रखने के आरोप में छपरा के एसपी पंकज कुमार राज को फांस दिया है। छपरा के डीएम दीपक आनंद कह रहे हैं, मामला गंभीर है। बड़ी जांच की जरुरत है। गड़बड़ी के खुलासे के बाद छपरा एसपी राज मीडिया का फोन रिसीव नहीं कर रहे।
DM को मिले बालू लोड ट्रक
पूरे मामले का खुलासा आज मीडिया में है। बताते चलें, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बालू उत्खनन पर रोक लगा रखा है। फिर भी सोन नदी से लगातार बालू के अवैध कारोबार की खबर छपरा के डीएम दीपक आनंद को मिल रही थी। सोमवार की रात वे स्वयं इस मामले की जांच करने टीम के साथ निकले। डोरीगंज थाने की सीमा में डीएम ने रात 10.30 बजे से सुबह 4 बजे तक आ-जा रही सभी ट्रकों की जांच की। इन सभी ट्रकों में बालू लोड था।
20 रुपये का नोट कर रहा था रोड परमिट का काम
डीएम दंग तब रहे, जब अवैध ढंग से बालू ले जा रहा प्रत्येक ट्रक ड्राइवर उनके साथ जांच कर रही टीम को 20 रुपये का बिलकुल नये नोट दिखाता। सभी ट्रक ड्राइवरों के पास ये नोट खास मार्का के साथ लैमिनेट किये हुए थे। ट्रक ड्राइवरों ने बताया कि ये नोट उनके लिए रोड परमिट की तरह है। इस 20 रुपये का नोट देखकर ही पुलिस उन्हें बेरोकटोक आने-जाने देती है। इस नोट पर जो मार्का लगा होता है, वह पुलिस के अधिकारी ही देते हैं।
मार्का वाले 20 रुपया दिखाओ और जाओ
इस तरह बालू माफिया से छपरा पुलिस की मिलीभगत को जान डीएम ने तफ्तीश और गाडी का ट्रक चालकों ने खुलासा किया कि मार्का वाले 20 रुपयों का नोट देने के बदले जो रिश्वत पुलिस लेती है, कहा जाता है कि उसका शेयर एसपी साहब तक पहुंचता है। हर महीने पुलिस 20 रुपयों के नोट की नई सीरीज देती है,जो सिर्फ महीने भर मान्य रहता है। डीएम ने मीडिया से कहा-आगे की जांच बड़ी है और वह जरुर होगी। डीएम की इस कार्रवाई के बाद पक्ष रखने को एसपी किसी से मिल नहीं रहे।
रोजाना1400 बालू लदे ट्रक गुजरते हैं हैं छपरा से
एक मोटा अनुमान है कि रोजाना तकरीबन 1400 बालू लदे ट्रकों की आवाजाही छपरा से होती है। आरोप है कि प्रत्येक ट्रक से 6000 रुपयों का नजराना वसूला जाता है। पुलिसिया मदद के बूते इस बालू माफिया का मन इतना बढ़ा है कि सोमवार की रात जब डीएम जांच कर रहे थे,तभी बालू ले जा रहे एक ट्रक ने जांच से बच तेज भागने के लिए छपरा डीटीओ की गाड़ी को टक्कर मार दी। डीटीओ और उनके बाडीगार्ड मामूली चोट खाकर बच ही गए।
क्या बोले डीआईजी साहब ?
छपरा के डीआईजी अजीत कुमार राय ने कहा है कि अवैध बालू उत्खनन और व्यापार को रोकने को उन्होंने पहले ही डीएम-एसपी को चार पत्र लिखे थे। अब डीएम की जांच के बाद जब आरोपों के घेरे में स्वयं एसपी आ गये हैं,तो इसकी जांच होगी। चूँकि यह मामला बड़ा है.