दिल्ली सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सरकारी खजाने को खर्च किये बिना भी दिल्ली का विकास किया जा सकता है. दरअसल अब दिल्ली परिवहन निगम (DTC) ने बिना रुपये खर्च किए अपनी बसों में इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन (ETM) लगा रहा है. डीटीसी के अधिकारियों ने बताया कि एक भी रुपये खर्च नहीं होने का कारण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल को बताया है. अब तक डीटीसी की 70 फीसदी बसों में इसे लगाया जा चुका है.
दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपरेशन के जनसंपर्क अधिकारी आरएस मिन्हास ने बताया कि e-ticketing machines लगाने के लिए हमने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल अपनाया है. जिस कंपनी को इसे लगाने का जिम्मा दिया गया है, यह सब उसी की जिम्मेदारी है. इसके बदले कम्पनी बस में ईटीएम के प्रयोग के दौरान प्रति टिकट के लेन-देन पर कंपनी की सिर्फ 13 पैसे की हिस्सेदारी होगी.
उन्होंने बताया कि हमारे पास 4000 से ज्यादा बसें हैं, जिसके लिए कुल 8000 ईटीएम की जरूरत है. कंपनी की ओर से हमें 70 फीसदी ईटीएम उपलब्ध कराई जा चुकी है.
निजी कंपनी के पास ही है प्रशिक्षण का भी जिम्मा
e-ticketing machines उपलब्ध कराने के साथ ही इसके प्रशिक्षण का जिम्मा भी कंपनी के पास है. यही नहीं मशीन की मरम्मत के साथ उसमें प्रयोग होने वाले टिकट पेपर रोल की आपूर्ति का खर्च भी कंपनी उठाएगी.
डीटीसी के मुताबिक, ईटीएम लगाने का मकसद मौजूदा व्यवस्था को और पारदर्शी बनाना है. कई बार लोगों को पता नहीं होता है कि उन्हें जहां जाना है, वहां के लिए कितने का टिकट लगेगा. सिर्फ बस स्टॉप का नाम बताने पर मशीन खुद किराया बता देगी. डीटीसी को इससे वास्तविक यात्रियों की संख्या का भी पता चल सकेगा, जिससे भविष्य की योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी.
कॉमन मोबिलिटी कार्ड के लिए ईटीएम जरूरी
डीटीसी कॉमन मोबिलिटी कार्ड लाने की तैयारी कर रहा है. निगम का कहना है कि अगले 3 महीने में इसे शुरू करने की योजना है. उससे पहले जरूरी है कि सभी डीटीसी बसों में इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन का प्रयोग शुरू हो जाए. कॉमन मोबिलिटी कार्ड होने पर यात्री एक ही कार्ड से मेट्रो और डीटीसी दोनों का किराया दे पाएंगे. इससे यात्रियों को अलग-अलग टिकट नहीं लेना होगा.