नई दिल्ली: 'R' अक्षर को लेकर 2000 के नोटों में लोगों के अंदर गफलत की स्थिति बनी हुई है। कई बैंक बगैर 'R' अक्षर वाले नोट नहीं ले रहे हैं। कोई 'R' के वाटर मार्का वाले नोट को ही असली बता रहा है तो कोई बग़ैर वाटर मार्का वाले नोट को भी। इसे लेकर आरबीआइ ने स्पष्ट किया कि बाजार में दोनों तरह के नोट असली हैं। एक के सीरियल नंबर के नीचे अंग्रेजी का 'R' अक्षर है और दूसरे नोट में 'R' नहीं है। इसे लेकर आम लोगों समेत बैंक प्रबंधकों में भी गफ़लत की स्थिति बनी हुई है। यहां तक कि बिना 'R' वाले नोट स्वीकार नहीं किए जा रहे।
नोट लेने से बैंक मैनेजर का इनक़ार
ताज़ा मामला नेहरू कॉलोनी की इलाहाबाद बैंक शाखा में सामने आया। जहां धर्मपुर निवासी अजय बहुगुणा ने बताया कि उन्हें कहीं से दो हज़ार रुपये के नए नोट मिले। इनमें ऐसे नोट भी थे, जिनमें नोट के ऊपरी हिस्से के सीरियल नंबर व निचले हिस्से सीरियल नंबर के नीचे अंग्रेज़ी का 'R' नहीं था। जिसे व्यापार ियों ने वापस कर दिया। जिसे बदलवाने के लिए वह इलाहाबाद बैंक गए तो प्रबंधक विपिन सूद ने नोट लेने से इन्कार कर दिया। नोट की सत्यता पर संदेह ज़ाहिर करते हुए उन्होनें नोट लेने से इनक़ार कर दिया। ऐसे कई मामले कुछ अन्य शाखाओं में भी सामने आए। अब आरबीआइ ने स्पष्ट किया कि दोनों तरह के नोट असली हैं।
RBI ने दिया स्पष्टीकरण
हालांकि जैसे ही यह ख़बर RBI तक पहुंची तो महाप्रबंधक सुब्रत दास का ने कहा कि जिन नोटों में R नहीं छपा है, वह नोटों की शुरुआती खेप है। जो नोट बाद में जारी किए गए उन पर R छपा है। दोनों नोट असली हैं, इन्हें स्वीकार करने से इनक़ार नहीं किया जा सकता। अब आरबीआइ ने स्पष्ट किया कि दोनों तरह के नोट असली हैं।