लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को जामा मस्ज़िद के शाही इमाम अब्दुला बुखारी के समर्थन दिए जाने के बाद 2010 का वो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे लखनऊ में राम जन्म भूमि मामले में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अन्य पत्रकारों के साथ हिंदी समाचार पत्र के एक सम्पादक के एक प्रश्न पर मौलाना बुखारी आग बबूला हो गए थे । इतना ही नहीं संपादक को चुप कराते हुए बाहर ले जाकर बुखारी इस वीडियो में पत्रकार से कह रहे हैं की चुप बैठो, नहीं तो गर्दन नाप देंगे. दरअसल पत्रकार ने उनसे अपने किये गए प्रश्न का उत्तर देने का अनुरोध किया तो बुखारी अपनी कुर्सी छोड़ अपने समर्थकों सहित प्रश्नकर्ता संपादक को मारने दौड़े। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित अन्य पत्रकारों से धक्का मुक्की करते हुऐ बुखारी और उनके समर्थकों ने संपादक पर हमला बोल दिया और उसे मारते हुऐ प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर ढकेल लाये।
क्या कहते हैं बुखारी समर्थक ?
संपादक का कहना था कि उन्होंने अपना परिचय देने के बाद कहा कि मैं अखिल भारतीय सूफी महासन्त सेवा संघ का अध्यक्ष भी हूँ। यह पूछने पर कि जब सन 1528 के खसरे में विवादित जन्म भूमि पर राजा दशरथ का नाम दर्ज है तो उनके बाद उस पर उनके बेटे राम का हक़ हुआ।इसका मतलब राम जन्म भूमि स्थल की जो लोग मांग कर रहे है वो जायज़ है। इसके आधार पर हम मुसलमानो को चाहिये कि जन्म भूमि की जितनी भी प्रापर्टी है,हिदुओ को दे देनी चाहिए। फ़िलहाल बुखारी समर्थक इसे कांग्रेस और सपा की सोची समझी रणनीति बता रहे हैं.
मायावती का खिसक सकता है वोट बैंक
मौलाना बुखारी इस बात को सुनकर आग बबूला हो गए और प्रेस कॉन्फ्रेंस में शर्मनाक हरकत कर बैठे। बुखारी की यह हरकत उत्तर प्रदेश के सभ्रांत मुसलमानों को रास नही आई थी,वही हिन्दू वर्ग विशेषकर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग, जिनकी राम के प्रति कठोर आस्था थी भी मौलाना बुखारी से बहुत रुष्ट हो गए थे। निःसंदेह पत्रकारों पर किया गया हमला प्रेस की स्वतंत्रता पर बड़ा आघात था। 2010 के इस मामले की याद सोशल मीडिया के माध्यम से फिर से चर्चा में आ गई है और इसका सीधा असर बहुजन समाज पार्टी पर पड़ने वाला है। हिन्दू, विशेषकर कठोर राम भक्त अनुसूचित जातिऔर जन जाति के मतदाता,राम जन्म भूमि में आस्था के कारण बहुजन समाजवादी पार्टी का विरोध भी कर सकते है । इस मामले को लेकर संपादक ने अपने जान माल की रक्षा करने के बावत इस मामले में FIR लिखानेे के बाद मुकदमा भी दर्ज कराया था.