नई दिल्लीः करीब पांच हजार करोड़ रुपये मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी की जांच की फाइल पीएम मोदी के टेबल पर डंप है। इस पर भले अब तक मोदी ने कोई फैसला नहीं किया है मगर वेकैंया नायडू के मंत्रालय ने पठानकोट मामले में जरूर एनडीटीवी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली। जी हां एनडीटीवी हिंदी पर पठानकोट हमले में गैरजिम्मेदराना रिपोर्टिंग का मामला सामने आया है। जिस पर वेकैंया नायडू के मिनिस्ट्री ऑफ इंफार्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग( आई एंड बी ) ने नौ नवंबर को एक दिन के लिए एनडीटीवी का प्रसारण बंद करने की संस्तुति की है। इस पर मोदी सरकार ने एनडीटीवी से जवाब-तलब किया। पूछा कि रणनीतिक संवेदनशील सूचनाएं लीक करने के एवज में क्यों ने एनडीटीवी का प्रसारण एक दिन के लिए बंद कर दिया जाए। इस पर एनडीटीवी ने अपने जवाब में कहा है कि उनसे वही सूचनाएं प्रसारित की जो पहले से पब्लिक डोमेन में आ चुकीं थीं।
एनडीटीवी ने वह दिखाया जो नहीं दिखाना चाहिए था
इस साल जनवरी में पठानकोट में हमला हुआ था। इस दौरान एनडीटीवी हिंदी ने हमले की लाइव कवरेज दिखानी शुरू की। इस दौरान मिग्स, फाइटर प्लेन्स, रॉकेट लांचर, हेलीकॉप्टर, फ्यूल टैंक आदि की एयरबेस में लोकेशन को एनडीटीवी हिंदी ने दिखाना शुरू कर दिया। जांच में मिनिस्ट्री ऑफ इंफार्मेशन एंड ब्रांडकॉस्टिंग ने पाया कि एनडीटीवी ने एयरबेस के गोपनीय स्थलों को भी टेलीविजन पर दिखा दिया। जिससे सरहद पार बैठे आतंकियों के आकाओं को काफी मदद मिली। उन्होंने टीवी पर दिख रहे ठिकानों के आधार पर पठानकोट एयरबेस में घुसे आतंकियों का फोन पर दिशा-निर्देशन किया। जिससे आतंकी काफी देर तक एयरबेस में हमले के मोर्च पर जमे रहे। एनडीटीवी की रिपोर्टिंग से न केवल पठानकोट एयरबेस की सुरक्षा खतरे में पड़ी बल्कि आसपास के सिविलियन की जान-माल पर भी आफत पड़ी।