नई दिल्ली : यूपी में सीएम अखिलेश यादव और चाचा राम गोपाल नई पार्टी बना सकते है. दरअसल सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल ने चुनाव आयोग जाकर पिछले एक सप्ताह से चल रही इस चर्चा को 'आग में घी' डालने वाला काम कर दिया है. जिसके चलते यह बात कोहरे की धुंध की तरह अब और साफ होती दिखाई दे रही है कि अखिलेश जल्दी ही अपनी नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं.
आज़म और राम गोपाल होंगे अखिलेश के साथ
सूत्रों के मुताबिक अखिलेश की इस नई पार्टी में समाजवादी पार्टी के कई बड़े दिग्गज नेता भी शामिल होने का मन बनाये हुए है. यहां तक कि अपने आपको सपा मुखिया मुलायम सिंह का करीबी बताने वाले सरकार के कद्दावर नेता आज़म खान तक 'नेताजी' को छोड़कर उनके पुत्र अखिलेश के साथ जा सकते है. इसका तजातरीन नमूना बुधवार को सहारनपुर के एक समारोह में आज़म खान ने अखिलेश की तारीफ कर पेश कर चुके है.
आज़म क्यों कर रहे है CM की बड़ाई ?
सैकड़ों लोगों कि उपस्थिति में इस समारोह में आज़म खान ने कहा कि उन्होंने आज़ादी के बाद से पहला ऐसा सीएम अखिलेश को देखा है जो विकास को लेकर चल रहा है. उन्होंने कहा कि पार्टी में दो ही लोग सीएम कि दौड़ में शामिल थे एक वो और दूसरे अखिलेश. इसीलिए उन्होंने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया है. फिलहाल सूत्रों कि मानें तो यह सब आज़म इस वजह से सीएम अखिलेश कि बड़ाई कर रहे है क्यों कि उन्हें अपने गृह जनपद की स्वार टांडा सीट से अपने छोटे बेटे अब्दुल्ला आज़म को चुनाव लड़वाना हैं और वह उसके टिकट के लिए लगे हुए है.
क्यों गए थे राम गोपाल चुनाव आयोग ?
सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के परिवार में रार के बीच रोज नई चर्चाएं हो रही हैं. ताजा चर्चा ये है कि मुलायम के चचेरे भाई और सपा के महासचिव रामगोपाल यादव चुनाव आयोग गए थे. हालांकि, उनके चुनाव आयोग जाने की वजह का खुलासा तो नहीं हुआ है, लेकिन इस चर्चा के बाद उन कयासों ने फिर से जोर पकड़ा है कि अखिलेश यादव कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं. खबर ये भी है कि सपा के रजत जयंती समारोह में भी रामगोपाल शामिल नहीं होने जा रहे हैं.
क्या बड़ा कदम उठाएंगे अखिलेश?
बता दें कि परिवार में रार के इस मामले में राम गोपाल ने मुलायम के बड़े बेटे और यूपी के सीएम अखिलेश यादव का पक्ष लिया है. उन्होंने बीते दिनों सपा सुप्रीमो को चिट्ठी लिखकर यह भी कहा था कि अखिलेश को सीएम नहीं बनाया गया तो यूपी चुनावों में पार्टी का बुरा हश्र होगा. यहां तक कि उन्होंने ये तक लिख दिया था कि पार्टी की दुर्गति के लिए नेताजी यानी मुलायम ही जिम्मेदार होंगे. अब उनके चुनाव आयोग जाने की चर्चा से फिर ये कयास लगने लगे हैं कि अखिलेश और रामगोपाल मिलकर नई पार्टी बना सकते हैं.
रामगोपाल का नया कदम दे रहा संकेत
सपा सुप्रीमो के परिवार में मची रार की एक बड़ी वजह अमर सिंह को भी माना जा रहा है. राम गोपाल तो खुलेआम कह चुके हैं कि अमर सिंह बाहरी हैं और बाहरियों की वजह से दिक्कत है. मुलायम को लिखी चिट्ठी में भी उन्होंने कहा था कि जिन लोगों की सलाह पर नेताजी चल रहे हैं, उन्हें जनता का कोई समर्थन हासिल नहीं है. बहरहाल राम गोपाल का नया कदम सपा में आने वाले दिनों में एक नई हलचल का संकेत मालूम दे रहा है.