ये मत सोचो की प्यार और लगाव एक ही चीज है, दोनों एक दूसरे के दुश्मन हैं, ये लगाव ही है जो प्यार को खत्म कर देता है। – आचार्य चाणक्य
किसी को ज्ञान उतना ही दो जितना वो समझ सके, क्योंकि बाल्टी भरने के बाद नल ना बंद करने से पानी व्यर्थ हो जाता है। – आचार्य चाणक्य
जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए। समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं। – आचार्य चाणक्य
प्रेम और आस्था दोनों पर ही किसी का जोर नहीं है, ये मन जहाँ लग जाए वहीं पर भगवान नज़र आता है। – आचार्य चाणक्य
संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है, और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है। – आचार्य चाणक्य
क्रोध में बोला एक कठोर शब्द इतना जहरीला हो सकता है कि आपकी हजार प्यारी बातों को एक मिनट में नष्ट कर सकता है। – आचार्य चाणक्य
आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मों से महान होता है। – आचार्य चाणक्य
जब आप किसी काम की शुरुआत करें, तो असफलता से मत डरें और उस काम को ना छोड़ें। जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं वो सबसे प्रसन्न होते हैं। – आचार्य चाणक्य
जैसे एक बछड़ा हज़ारो गायों के झुंड मे अपनी माँ के पीछे चलता है। उसी प्रकार आदमी के अच्छे और बुरे कर्म उसके पीछे चलते हैं। – आचार्य चाणक्य
सरल को कठिन बनाना आसान है, परंतु कठिन को सरल बनाना मुश्किल, और जो कठिन को सरल बनाना जानता है, वह व्यक्ति विशेष है। – आचार्य चाणक्य
तुम समय को रोक नहीं सकते, परंतु समय को बर्बाद न करना सदैव तुम्हारे नियंत्रण में ही है। – आचार्य चाणक्य
इच्छाएं मनुष्य को जीने नहीं देती, और मनुष्य इच्छाओं को कभी मरने नहीं देता। – आचार्य चाणक्य
बीस वर्ष की आयु में व्यक्ति का जो चेहरा रहता है, वह प्रकृति की देन है, तीस वर्ष की आयु का चेहरा जीवन के उतार-चढ़ाव की देन है, लेकिन पच्चास वर्ष की आयु का चेहरा व्यक्ति की अपनी कमाई है। – आचार्य
जिसने हर क्षण को महोत्सव बनाया हो, जिसकी शिकायतें कम हो, और जिसने हर छोटी उपलब्धि के लिए भी ईश्वर का धन्यवाद किया हो, ऐसे व्यक्ति को दुख का आभास बहुत ही कम होता है। – आचार्य चाणक्य
जब जीवन के बारे में सोचो तब यह सदैव याद रखना कि, पछतावा अतीत बदल नहीं सकता, और चिंता भविष्य को सवार नहीं सकती, एकाग्रता से किया गया परिश्रम ही वास्तविक चमत्कार करता है। – आचार्य चाणक्य
हर नई शुरुआत थोड़ा डराती है, पर याद रखो सफलता मुश्किलों के पास ही नजर आती है। आचार्य चाणक्य
अच्छे समय से ज्यादा, अच्छे इंसान के साथ रिश्ता रखो, अच्छा इंसान अच्छा समय ला सकता है, अच्छा समय अच्छा इंसान नहीं ला सकता। – आचार्य चाणक्य
भारत की विदेश नीति में गांधी वाद की समाप्ति डॉ शोभा भारद्वाज भारत सरकारपाकिस्तान को विभाजन समझौते के अनुसार 55 करोड़ रु० अभी नहींदेना चाहती थी क्योंकि सरदार पटेल जैसे नेताओं को भय था पाकिस्तान इस धन का उपयोगभारत के खिलाफ जंग छेड़ने में करेगा. गांधी जी ने आमरण अनशन आरम्भ कर दिया पाकिस्तान की हरकत पर
विश्व शांति की बात करने वाला देश आज अचानक चाणक्य की नीति पर सिर्फ बात ही नहीं बल्कि विश्वास भी करने लगा. चाणक्य सत्ता पाने का साधन ज़रूर हो सकता है पर मुक्ति पाने का नहीं. चाणक्य की कोई अपनी नीति नहीं थी बल्कि वो शकुनि नीति का समर्थक था. उसने जो कुछ कहा या जो कुछ किया वो सिर्फ और सिर्फ शकुनि नीति थी.
मोदी जी की पाकिस्तान के प्रति विदेश नीति में चाणक्य नीति की झलक डॉ शोभा भारद्वाज 2014 में मोदी जी के नेतृत्व लोकसभा का चुनाव लड़ा जा रहा था आलोचक प्रश्न उठारहे थे भाजपा की विदेश नीति क्या है ? सत्तापर आसीन होने के बाद विदेश नीति विशेषज्ञ उनको विदेश नीति समझाने उनसे मिलने भीआये | मोदी जी ने अपने श