अहमदाबाद: एक रिपोर्ट के माध्यम से यह बात सामने आई है गुजरात में पिछले कई सालों के आँकड़ो पर नज़र ड़ाले तो साल दर साल रिकोर्ड तोड़ कंडोम की बिक्री में बढोतरी हुई है. नवरात्री में गरबा के दौरान ही 25 फिसदी कंडोम और गर्भ निरोधक गोलियो की बिक्री बढी है. विशेष रुप से गुजरात के सुरत और अहमदाबाद में 50 फिसदी तक बिक्री में बढोतरी हुई हैं.
इसके अलावा, कंडोम कंपनियों अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए प्रोमोशन करती है और साथ में कई ऑफर भी देती हैं.
केवल यही नहीं, नवरात्री के दौरान गुजरात में गरबा आयोजन स्थलों पर सरकारी संगठनों की ओर से स्वयंसेवकों को भी तैनात किया जाता है. साथ ही एड्स के बारे में जागरुकता भी फैलायी जाती है.
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सर्वेक्षण किए जाने पर मालुम हुआ कि युवा पूरे वर्ष इस त्योहार के लिए प्रतीक्षा करते हैं ताकि अभिभावको की आँखों में धुल झोक कर नैतिक बाधाओं को तोड़ने का मोका मिल जाए.
नवरात्र के दौरान डांडिया और गरबा के अलावा सेक्स जैसे शब्द सुनने से अजीब तो लगता है लेकिन दुर्भाग्य से यह एक चौंकाने वाली हकीकत में बदल गया है.
कई तरह के गरबा करने के लिए पहने गए कपडो में लड़के लड़कियो के साथ देर रात तक ड़ांस करते हैं. इसके पीछे उनका कुछ ओर ही इरादा छिपा हुआ होता हैं लेकीन आश्चर्य वाली बात यह है कि महिलाएं भी दुकानों से गर्भ निरोधक गोली खरीदने से नही हिचकीचाती.
लगभग यह सच एक दशक से चला आ रहा हैं लेकिन एसी स्थिति में बच्चों के माता - पिता को यह बात पचती नहीं है.
अब कंडोम कि बिक्री की वृद्दि होने से वहां के निजी जासूसों की मांग सूरत और अहमदाबाद जैसे शहरों में बढ़ती जा रही है. पेरन्टंस अपने बेटे और बेटियों पर नजर रखने के लिए इन जासूसों को हायर करते हैं.
एचआईवी -एड्स सलाहकार औरसामजशास्त्री डॉ गौरांग जानीने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम रापथ क्लब, कर्णावती कल्ब साथ ही अन्य क्षेत्रों में गरबा आयोजन स्थलों पर जागरूकता स्टाल लगाते हैं जहां युवाओ को जागुरुक किया जाता हैं और इससे हमें एक सकारात्मक बदलाव का संकेत मिल रहा है. युवा अब इस विषय पर खुल कर चर्चा करने के लिए आगे आ रहें हैं.