नई दिल्ली : तेज़ाब हत्याकांड में अपने तीन बेटों को गंवा चुके चंदा बाबू और उनकी पत्नी कलावती देवी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रो पड़े। इस मामले में दोषी राष्ट्रीय जनता दल पार्टी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को हाईकोर्ट से मिली जमानत सुप्रीम ने रद्द दी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद शहाबुद्दीन को दोबारा जेल जाना पड़ेगा। चन्दा बाबू ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने उनके साथ न्याय किया है, कोर्ट पर उन्हें भरोसा था। हालांकि चंदा बाबू ने कहा कि शहाबुद्दीन को फांसी की सजा होनी चाहिए थी। सुप्रीम कोर्ट को उसे फांसी की सजा देनी चाहिए। अगर फांसी की सजा नहीं मिलती है तो शहाबुद्दीन को ताउम्र जेल में बंद रखे।
उन्होंने कहा कि शहाबुददीन को राज्य के बाहर जेल में रखे जाने के बाद ही सीवान की जनता के बीच से उसका डर खत्म होगा। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो उनके मन को तसल्ली हुई। दिल को भी सुकून मिला। उन्होंने कहा कि अब मुझे डर नहीं लगता हालाँकि चन्दा बाबू को पहले से सुरक्षा मुहैया करवाई गई है।
उन्होंने मीडिया से कहा मेरे तीन बेटे की हत्या कर दी गई। मुझे तो कभी न कभी मरना ही है, इसलिए अब शहाबुद्दीन से नहीं डरता हूं। इस बात की जानकारी देने के दौरान चंदा बाबू मीडिया के सामने रो पड़े। उन्होंने मीडिया व कोर्ट को धन्यवाद दिया। कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए उनके पास न पैसे थे न शक्ति। वकील प्रशांत भूषण उनकी पैरवी के लिए तैयार हुए और उनका हलफनामा तैयार कर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।