दिल्ली : नोटबंदी की परेशानी झेल रही जनता के लिए पेटीएम एक बड़ा सहारा बनकर उभरा है. आलम यह है कि भुजिया बेचने वाले, सड़क किनारे हेलमेट बेचने वाले और सब्जी या मछली बेचने वाले व्यापारी भी अपने यहां Paytm का बैनर टांग कर मोबाइल पेमेंट स्वीकार करने का सबूत दे रहे हैं. पिछले 15 दिनों में कैशलेस ट्रांजैक्शन के लिए पेटीएम ने 5-6 गुना नए ग्राहक जोड़े हैं. साथ ही अपनी सर्विसेज को भी अपग्रेड किया है.
10 भाषाओं में Paytm
नए ग्राहकों को जोड़ने की योजनाओं पर कंपनी के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने बताया 'आने वाले समय में डिजिटल ट्रांजैक्शन की मांग बढ़ेगी जिसको देखते हुए पेटीएम ऐप अब कुल 10 भाषाओं में लॉन्च किया जा चुका है'.
पेटीएम से जुड़े दुकानदार अब क्रेडिट व डेबिट कार्ड के जरिए भी भुगतान ले सकेंगे
डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम से जुड़े दुकानदार अब क्रेडिट व डेबिट कार्ड के जरिए भी भुगतान ले सकेंगे. कंपनी ने इसके लिए अपने एप का नया वर्जन पेश किया है. कंपनी का कहना है कि यह एप विशेषकर उन छोटे दुकानदारों के लिए उपयोगी होगा जिनके यहां कार्ड इस्तेमाल की मशीनें नहीं हैं.
पेटीएम के संस्थापक, 'सीईओ विजय शेखर शर्मा ने एप का नया वर्जन पेश करते हुए कहा, ‘पेटीएम ने अपने एप को अपग्रेड करते हुए भारत का पहला एप पीओएस पेश किया है'.
इससे स्मार्टफोन व मोबाइल इंटरनेट की सुविधा रखने वाला कोई भी छोटा दुकानदार ग्राहकों से डेबिट व क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान ले सकता है.’ इस पर वे फिलहाल 50,000 रूपये प्रति माह तक का भुगतान हासिल कर सकते हैं.
इसके तहत दुकानदार बेचे गए सामान का बिल तैयार कर फोन ग्राहक को सौंपेगा जो कि अपने कार्ड का ब्यौरा डालेगा. ग्राहक द्वारा दिया गया ब्यौरा एप पर नहीं बल्कि बैंक की बेबसाइट पर जाएगा जिससे सारे बिल सुरक्षित रहेंगे.
पेटीएम 31 दिसंबर तक इसमें लेनदने के लिए कोई शुल्क नहीं लेगी
पेटीएम ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जबकि सरकार के नोटबंदी के कदम के कारण देश भर में नकदी की कमी देखने को मिल रही है. सरकार ने 500 व 1000 रूपये के मौजूदा नोटों को 8 नवंबर को चलन से बाहर कर दिया. इसके बाद से पेटीएम सहित अन्य मोबाइल वालेट कंपनियों के जरिए लेनदेन कई गुना बढा है.