नई दिल्लीः चीन लगातार पाकिस्तान का साथ देता रहा है जो भारत के लिए अच्छे संकेत नहीं है यही वजह है कि अब भारत की सेना भी चीन पर नजर रखने की तैयार दिख रही है। भारतीय वायुसेना जल्द ही राफेल विमानों का पहला बेस बंगाल में बनाने जा रही है। ये सब राफेल विमान न्यूक्लियर हथियार ले जाने में भी सक्षम होंगे।
राफेल में हुए हैं कई तकनीकी बदलाव
पहाड़ी इलाके को देखते हुए भारत ने राफेल में कुछ तकनीकी बदलाव भी कराए हैं ताकि ऊंचे इलाकों में तैनाती पर किसी तरह की दिक्कत ना हो। भारत की इस तैयारी को चीन के साथ संभावित खतरे से निपटने के तौर पर देखा जा रहा है। राफेल विमान बनाने वाली कंपनी के अधिकारियों ने हाल ही में हाशिमारा एयरबेस स्टेशन का दौरा भी किया था।
18 विमानों की होगी तैनाती
गौरतलब है कि चीन को मद्देनजर रखते हुए हाल ही में असम के तेजपुर और चाबुआ एयरबेस पर भी फाइटर जेट सुखोई-30MKI को तैनात किया है। इसके अलावा अब वायुसेना बंगाल के हाशिमारा एयरबेस स्टेशन पर 18 राफेल विमानों की तैनाती करेगी।
वायुसेना बढ़ा रही तैनाती
हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के टूटिंग में एक एडवांस लैंडिग ग्राउंड को भी शुरु किया गया है। साथ ही बंगाल के पानागढ़ एयरबेस पर 6 सुपर हरक्यूलिस C-130J विमान भी तैनात किए गए हैं।