लखनऊ : इलेक्ट्रानिक चिप के जरिए तेल चोरी करने वालों पर कार्रवाई से सरकार बचती नजर आ रही है। खासकर तेल चोरी के मामले में ज्वाइंट कमेटी बनाकर कार्रवाई के जो निर्देश दिए गए थे, जनता के साथ छलावा प्रमाणित हो रहे हैं। ज्वाइंट कमेटी की जांच के दौरान जिन पंपों में चिप व टेंपरिंग पकड़ी गई, उन मामलों में मुकदमे भी नहीं दर्ज कराए गए। नतीजा रहा कि ऐसे पंपों के खिलाफ ठोस कार्रवाई भी नहीं हो सकी। जिन पंपों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए गए, उनमें भी अधिकतर कार्रवाई से अब तक दूर हैं।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ में एसटीएफ ने जिन पेट्रोल पंपों पर छापे मारने के बाद उनके संचालकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए थे, उनमें सिर्फ दो पंपों के लाइसेंस अब तक पेट्रोलियम कंपनियों ने निरस्त किए हैं, जबकि छह पंपों के अनुबंध निरस्त किए गए हैं। दूसरी ओर सवाल उठ रहे हैं कि प्रदेश सरकार के निर्देश पर ज्वाइंट टीम बनाकर की गई जांच में जिन पेट्रोल पंपों में गड़बड़ी मिली, वहां कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई। खुलेआम पेट्रोल की चोरी करने वालों के खिलाफ सरकार की तरफ से आखिर मुकदमे दर्ज कराए जाने की कार्रवाई को क्यों रोका गया। उनके लाइसेंस निरस्त करने की रिपोर्ट पेट्रोलियम कंपनियों को क्यों नहीं भेजी जा रही है। इन सवालों के जवाब देने से सभी संबंधित अधिकारी बच रहे हैं।
जिला पूर्ति अधिकारी लखनऊ के अनुसार शासन के निर्देश के बाद गठित संयुक्त टीम ने अब तक 202 पंपों की जांच की है, जिनमें शुरू में नौ की जांच एसटीएफ ने की थी। चिप पकड़े जाने पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके अलावा अन्य 36 पंपों के यहां भी नोजल मशीन में चिप अथवा टेंपरिंग मिली। इसके बाद 157 पेट्रोल पंपों की जांच हुई, जिनमें 22 के यहां गड़बड़ी व घटतौली आदि मिली। शासन को पहले 36 और फिर 22 पेट्रोल पंपों की रिपोर्ट भेज दी गई है। शासन स्तर से इन पंपों के खिलाफ कार्रवाई लंबित है।
इंडियन आयल के मुख्य प्रबंधक ने बताया कि शासन से रिपोर्ट मिलने के बाद ही लाइसेंस या अनुबंध निरस्त करने की कार्रवाई पेट्रालियम कंपनी की तरफ से की जा सकती है।
पेट्रोल पंपों में मिली चोरी की सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह रही कि पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष व विश्व हिंदू परिषद के अवध प्रांत के अध्यक्ष बीएन शुक्ला के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं की जा सकी है। शुक्ला के मडिय़ांव स्थित स्टैंडर्ड फ्यूल सेंटर पर एसटीएफ की टीम ने कार्रवाई के पहले ही दिन कई नोजल मशीनों में चिप बरामद की थीं। पंप सील भी किया। बीएन शुक्ला व उनके बेटे गोपाल शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
शेष अन्य आठ पेट्रोल पंप संचालकों व उनके कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी हो गई, लेकिन आजतक पुलिस ने शुक्ला बंधुओ को गिरफ्तार नहीं किया। इसके अलावा इंडियन ऑयल की तरफ से भी स्टैंडर्ड फ्यूल का लाइसेंस या एग्रीमेंट आदि निरस्त नहीं किया गया है। दर्ज नौ मुकदमों की जांच के लिए एसआइटी गठित की गई, लेकिन इन मुकदमों में वांछित आरोपित पकड़े नहीं जा सके।