नई दिल्ली : पांच दिन बाद 1 फरवरी को पीएम नरेन्द्र मोदी की नोटबंदी के ऐलान के तीन महीने बाद पेश किये जाने वाले आम बजट में अगर सरकार ने टैक्स दरें कम नहीं की, तो इसका परिणाम उसे देश के पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा में भुगतना पड़ सकता है. जिसके चलते ये उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बड़ी राहत दे सकते हैं. फिलहाल मोदी सरकार के चौथे बजट को लेकर लोग बड़ी आस लगाए बैठे हैं.
इनकम टैक्स की छूट को लेकर उम्मीद
केंद्रीय बजट से इस साल इनकम टैक्स की छूट 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख से 3.5 लाख रुपये के बीच किए जाने की उम्मीद लगा रहे हैं. इस बारे में एसबीआई की ‘ईकोरैप’ रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार नोटबंदी के बाद देश की इकोनॉमी को बढ़ाने के लिए डायरेक्ट टैक्स में बड़े बदलाव ला सकती है. इसमें ये भी कहा गया है कि इनकम टैक्स की लिमिट भी बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जा सकती है.
नौकरीपेशा वर्ग को मिल सकती है टैक्स में राहत
वहीं आर्थिक जगत के कुछ जानकारों का मानना है कि इस बजट में इनकम टैक्स लिमिट बढ़ाकर 4 लाख रुपये तक भी की जा सकती है. 2 साल पहले इनकम टैक्स छूट की लिमिट 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई थी. अब जब जीएसटी लागू होने वाला है और पूरे देश में एक टैक्स व्यवस्था लागू होने से व्यापार ियों की टैक्स चोरी को भी पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा तो माना जा रहा है कि नौकरीपेशा वर्ग को टैक्स में थोड़ी राहत दी जा सकती है.
क्या है मौजूदा स्थिति ?
इस वक्त 2.50 लाख रुपये सालाना तक आय वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होता जबकि 2.50 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक 10 फीसदी टैक्स, 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वालों को 20 फीसदी टैक्स और 10 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वालों को 30 फीसदी टैक्स की दर से टैक्स देना पड़ता है.