देहरादून: देवभूमि में इस बार विधानसभा चुनाव ने राजनीति में ज़हर घोल दिया। प्रचार के वक़्त दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा ने एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए। दोनों ही दलों के नेताओं ने एक दूसरे पर व्यक्तिगत आरोप लगा कर राजनीति की गरिमा का भी ख्याल नहीं रखा। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की ओर प्रचार करते हुये अपने चुनावी भाषणों में मुख्यमंत्री हरीश रावत पर सीधे-सीधे वार किया। रावत को भ्रष्टाचार के मामले में घेरते हुए आरोप लगाया कि सूबे में कोई भी काम करवाने के लिए हरदा टैक्स देना पड़ता है। जवाब में हरीश रावत भी बिल्कुल पीछे नहीं रहे उन्होनें प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री और उनके सिपहसालार उनकी बकरियां चुरा कर ले गए और उल्टा चोर कोतवाल को डांट रहा है।
उत्तराखंड में राहुल गांधी ने अपने रोड शो के दौरान कांग्रेस बागी पूर्व विधायकों को कचरा तक कह डाला। उन्होनें कहा कि हमने पार्टी का जो कचरा बाहर फेंका था, मोदी ने उसे गले लगा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं को धमकी भरे अंदाज में उनकी जन्मपत्री खोलने की जो बात कही, उससे सूबे का राजनीतिक माहौल गरमा गया। मोदी की इस धमकी के बाद कांगे्रस के जितने भी नेता उत्तराखंड में चुनावी दौरे में आए, सबने मोदी को तानाशाह, अकड़बाज, अहंकारी, बाहुबली जैसी की संज्ञा तक दे डाली। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के एक विज्ञापन में हरीश रावत को बाहुबली दिखाए जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बाहुबली क्या होता है, यह उत्तराखंड की जनता जानती है। पलटवार करते हुए रावत ने कहा कि उनका सीना मोदी के 56 इंच के सीने की तरह नहीं है। वे तो दबे कुचले हैं। सीएम हरीश रावत ने पीएम मोदी को कभी सफेद दाढ़ी वाले बाबा, तो कभी जेठ की संज्ञा देकर प्रधानमंत्री का मज़ाक उड़ाया।
सीएम हरीश रावत अपने चुनावी भाषणों में न्यायापालिका का शुक्रिया अदा करने से भी नहीं चूके। इसके अलावा प्रचार के दौरान रावत ने मोदी पर कई तंज कसे और प्रधानमंत्री को हरदा फोबिया से पीड़ित राजनेता बताया। रावत ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने को गणेश जी की तरह सिर कटा बताते हुए कहा कि जैसे शंकर भगवान ने गणेश जी के कटे सिर को हाथी का सिर लगाकर जोड़ दिया था, वैसे ही सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने मोदी द्वारा काटे गए उनके सिर को जोड़ा।