नई दिल्ली: भारत में इस साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और पंजाब के विधानसभा चुनाव के दौरान जो नक़द, शराब और मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं वह वाकई चिंताजनक हैं। चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त निगरानी दलों द्वारा कल (25 फरवरी, 2017) तक की गई जब्तियों के आंकड़ों पर एक नज़र डालें तो पता चलता कि इस बार उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड ज़ब्ती हुई है जिसमें 115.70 करोड़ रूपये नकदी, 57.69 करोड़ रूपये मूल्य की शराब के 20.29 लाख पीपे, 7.91 करोड़ रूपये मूल्य के 2,725 किलो मादक पदार्थ शामिल हैं।
देवभूमि उत्तरखण्ड में इस महीने की शुरूआत में खत्म हुए एक चरण के चुनाव में बड़े पैमाने पर ये जब्तियां हुई हैं। यहां इन निगरानी दलों ने अब तक 3.40 करोड़ संदिग्ध नक़द, 3.10 करोड़ रूपये मूल्य की 1.01 लाख लीटर शराब, 37.88 लाख रूपये मूल्य के 81 किलो नशीले पदार्थ जब्त किए। राज्य में एक सीट कर्णप्रयाग में उम्मीदवार की मौत के कारण चुनाव टल गया था।
पंजाब में अब चुनाव खत्म हो चुके हैं। वहां पिछले चुनाव में जब्त 11.51 करोड़ रूपये के मुकाबले इस बार 58.02 करोड़ रूपये जब्त किए गए। पिछली बार जब्त की गई 3,2978 लीटर शराब (मूल्य 2.59 करोड़ रूपये) के मुकाबले इस बार 12.43 लाख लीटर (मूल्य 13.36 करोड़ रूपये) जब्त की गई। गोवा में भी चार फरवरी को खत्म हुए एक चरण के चुनाव में 2.24 करोड़ संदिग्ध नगदी और 1.07 करोड़ रूपये मूल्य की लगभग 76,000 लीटर शराब जब्त की गई है।
मणिपुर में अगले महीने चुनाव होने वाले हैं वहां के तुलनात्मक आंकड़े प्राप्त नहीं हो सके हैं। इन अभियानों में शामिल कर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि चुनावी मौसम में मतदाताओं को लुभाने के लिए काले धन और अन्य किस्म के गैरकानूनी लेनदेन करने वालों पर नोटबंदी का कोई असर नहीं हुआ है।’’
ग़ौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2012 के चुनाव में 36.29 करोड़ रूपये नकद और 6.61 लाख रूपये मूल्य की 3,073 लीटर शराब ज़ब्त की गई थी। तो वहीं उत्तराखण्ड में वर्ष 2012 में राज्य में 1.30 करोड़ रूपये नकद, 15,151 लीटर शराब (मूल्य 15.15 लाख रूपये) ज़ब्त की गई थी। पंजाब में तो पिछली बार चुनाव के दौरान महज़ 60 लाख रूपये ज़ब्त किए गए थे जबकि बहुत ही कम मात्रा में मादक पदार्थ और शराब ज़ब्त की गई थी।