नई दिल्लीः संता-बंता और ढेरों तरीकों से चुटकुले गढ़कर सरदारों को निशाना बनाए जाने की शिकायत वाली काफी समय से सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि वे अगर पाबंदी का आदेश दे भी दें तो इस आदेश का पालन कैसे करवाएंगे। उन्होंने सोमवार को सुनवाई करते हुए याची से दो चार हफ्ते में कोई तरीका खोज निकालने को कहा है। जिससे कोर्ट सरदारों पर चुटकुले बनाने पर रोक के आदेश का पालन करा सके। सीजेआई टीएस ठाकुर ने कहा कि वह नहीं चाहते कि किसी समुदाय को चुटकुलों के जरिए निशाना बनाया जाए। इसके लिए गाइडलाइऩ पर विचार किया जाएगा।
रिटायर्ड जजों का पैनल बनाने पर विचार
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ठाकुर ने कहा कि वह इस मसले पर सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के एक पैनल गठित कर गाइडलाइंस पर विचार करने को कहेंगे। ताकि इस समस्या का कुछ हल निकल सके और समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचे।
क्या है मामला
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से एडवोकेट हरविंदर चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सरदारों पर चुटकुले बनाने पर रोक लगाने की गुहार
लगाई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि चुटकुलों का व्यावसायिक तौर पर इस्तेमाल तो हम रोक सकते हैं। मगर इस आदेश के बाद अन्य समुदाय भी कोर्ट आएंगे। मसलन, दक्षिण में रहने वालों को मद्रासी बोलते हैं, उऩ पर भी खूब लतीफे गढ़े गए हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि कोर्ट ऐसे आदेश को लागू कैसे कराएगा।
क्या है गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने याचिका में कहा कि ऐसा सिर्फ सरदारों ही नहीं बिहारी और नार्थ ईस्ट के लोगों के साथ मजाक हो रहा है। कुछ किस्म के चुटकुले समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाले हैं। कमेटी ने कहा कि वे भले ही चुटकुले सुनकर आनंद लेते हों मगर इस बहाने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।