देहरादून: 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कई दिग्गज अपने परिवार को टिकट दिलाने की जुगत में हैं। लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के इस बयान से उनकी पेशानी पर बल पड़ सकते हैं कि एक परिवार से एक को ही टिकट मिलना चाहिए। उपाध्याय के इस बयान से कांग्रेस की सियासत में हलचल पैदा हो गई है। हालांकि किशोर ने इसे संगठन की राय से जुदा नितांत निजी राय बताया है,लेकिन सियासी हलकों में उनके बयान के निहितार्थ टटोले जा रहे हैं। मंगलवार को कांग्रेस भवन में पत्रकार वार्ता के दौरान एक परिवार में कई-कई लोगों को टिकट दिये जाने से जुड़े प्रश्न पर किशोर ने बहुत बेबाकी के साथ अपनी राय व्यक्त की। अलबत्ता इस बहाने वह पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पर निशाना साधने से नहीं चूके।
बहुगुणा पर बेटे को टिकट दिलाने पर निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि कभी बहुगुणा एक परिवार से कई-कई लोगों को टिकट का विरोध करते थे। लेकिन जब वह मुख्यमंत्री बनें तो लोक सभा के चुनाव में अपने बेटे साकेत को टिकट दिलाने में सबसे आगे थे। किशोर ने कहा कि संगठन की राय जो भी हो, लेकिन उनकी राय यह है कि एक परिवार से एक व्यक्ति को ही टिकट मिलना चाहिए। उन्होंने आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तरजीह दिये जाने की वकालत की। हालांकि इस बयान के बाद किशोर ने इस बात पर खास जोर दिया कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है। इसके बावजूद किशोर के इस बयान के सियासी निहितार्थ टटोले जा रहे हैं।
सीएम की बेटी अनुपमा भी दावेदारों में
2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सीएम हरीश रावत की सुपुत्री अनुपमा रावत ने टिकट की दावेदारी की है। वरिष्ठ मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश और यशपाल आर्य भी अपनी संतानों के राजनीति क पुनर्वास को लेकर प्रयासरत हैं। चर्चा तो यह भी है कि कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र भंडारी को लेकर भी कि वह अपनी पत्नी को केदारनाथ से टिकट दिलाने की जुगत में हैं। किशोर का यह बयान उन्हें ज़ाहिर तौर पर असहज करने वाला है।