नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार रात से 500 और 1000 के नोट बंद करने का फैसला लिया जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई. मोदी सरकार का ये फैसला कई लोगों को पसंद आय तो कई लोगों ने इसका विरोध किया. वहीँ तमिलनाडु ने इस फैसले के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई. जिसे मद्रास हाई कोर्ट ने ख़ारिज करते हुए कहा- फैसला देशहित में है
बता दें ये याचिका इंडियन नेशनल लीग के राज्य महासचिव एम सीनी अहमद ने दायर की थी। याचिकाकर्ता के वकील एएमए जिन्ना ने अदालत से कहा था कि सरकार के फैसले से आम जनता को बहुत समस्या होगी इसलिए इस फैसले को रद्द किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट में भी होगी सुनवाई
इसके अलावा एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की गई है इस पीआईल की सुनवाई 15 नवंबर को होनी है। केंद्र सरकार ने 10 नवंबर सुप्रीमकोर्ट में एक कैविएट दायर करके कहा है कि इस मामले में किसी भी तरह का अंतरिम आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष जरूर सुना जाए।
सुप्रीम कोर्ट में नौ नवंबर को वकील विवेक नारायण शर्मा ने एक जनहित याचिका दायर करके नोट बंद करने के फैसले को चुनौती दी गई है। इस पीआईएल में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से लोगों के “जीवन और कारोबार से जुड़ा अधिकार” प्रभावित हुआ है। याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च अदालत से सरकार के फैसले को रद्द करने की मांग की है।