दैनंदिनी फरवरी २०२२
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डायरी दिनांक ०३/०२/२०२२ - भांति भांति के लोग शाम के पांच बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । संसार में कितने प्रकार के जीव हैं। अधिकांश का तथा मेरा भी व्यक्तिगत विश्वास यही है कि यह सारी
डायरी दिनांक ०४/०२/२०२२ - आयुर्वेद की शरण सुबह के दस बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । हमारे बुजुर्गों और ऋषि मुनियों द्वारा इजाद पद्धतियां आज भी उस समय याद आती हैं जबकि सारे आधुनिक तरी
डायरी दिनांक ०५/०२/२०२२ दोपहर के तीन बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । आज का दिन आराम से गुजरा। छोटे मोटे व्यवधान के बाद आराम करने को मिला। दूसरी तरफ कल से आज तक बुखार नहीं आया है। हालांक
डायरी दिनांक ०६/०२/२०२२ - वास्तविक प्रेम सुबह के सात बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । वास्तविक प्रेम वही है जिसे कोशिश करने पर भी क्रोध में न बदल सकें। और यदि श्रोध के कारण कुछ समय अपना कर्तव्य न
डायरी दिनांक ०७/०२/२०२२ दोपहर के तीन बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । कल दिन भर में अलग अलग विषयों पर चार डायरी लिखीं पर कोई साहित्यिक लेखन नहीं हो पाया। डायरी के बहाने से लिखने की आदत बनी रह
डायरी दिनांक ०८/०२/२०२२ शाम के तीन बजकर पैंतालीस मिनट हो रहे हैं । कभी कभी छोटी छोटी बातें बड़ी बड़ी बातों से बहुत अधिक महत्वपूर्ण होती हैं। अक्सर जिन छोटी बातों पर मनुष्य का ध्यान नहीं
डायरी दिनांक ०९/०२/२०२२ - सुबह की राम राम सुबह के छह बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं । कभी कभी जरा सी बात मन में नकारात्मकता भर देती है। इसी तरह जरा सी बात मन को सकरात्मक दिशा में मोड़ देती है
डायरी दिनांक ११/०२/२०२२ - शव्द इन की तरफ से फोन रात के आठ बज रहे हैं। सोचा कि एक बार शव्द इन पर डायरी लिख ली जाये। आज शव्द इन की तरफ से किसी मैडम ने फोन कर बताया कि दिनांक ०८/०२/२०२२
डायरी दिनांक १३/०२/२०२२ , शाम के पांच बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । आज पठन पाठन भले ही कम हुआ पर साहित्य सेवा का एक काम आज पूरा कर दिया जो कि मेरी अस्वस्थता के कारण अधूरा चल रहा था। कुछ स