shabd-logo

डायरी दिनांक ११/०२/२०२२

11 फरवरी 2022

18 बार देखा गया 18
डायरी दिनांक ११/०२/२०२२ - शव्द इन की तरफ से फोन

  रात के आठ बज रहे हैं। सोचा कि एक बार शव्द इन पर डायरी लिख ली जाये।

   आज शव्द इन की तरफ से किसी मैडम ने फोन कर बताया कि दिनांक ०८/०२/२०२२ को लिखे मेरे आर्टिकल को पुरस्कृत किया गया है। तथा पुरस्कार के रूप में जल्द १०० रुपये मेरे वालेट में आ जायेंगें। जिनका प्रयोग मैं पुस्तक खरीदने या खुद की पेड पुस्तक प्रकाशित करने में कर सकता हूं।

  शव्द इन की तरफ से फोन कर जानकारी देने की बहुत बधाईयाँ। वास्तव में सही बात यह है कि मैं इससे पूर्व भी कई बार शव्द इन की दैनिक प्रतियोगिता में पुरस्कृत हो चुका हूं ।तथा एक समय था जबकि शव्द इन पर मेरी आठ पुस्तकें प्रकाशित थीं। जिनमें से पांच पैड थीं। पैड पुस्तकों से कोई आर्थिक लाभ नहीं था। फिर भी एक तरह से मनोवैज्ञानिक लाभ जरूर था।

  गत महीने ही मैंने उन पुस्तकों को इस मंच से हटाया है। अब मात्र दो कहानियों की पुस्तकें प्रकाशित हैं। पुस्तकों को अप्रकाशित करने का कारण भी इस मंच पर वांछित सम्मान का अभाव ही है। शायद यह मंच मेरी पुस्तकों के स्तर का सही आकलन नहीं कर पाया था। ऐसी स्थिति में दूरी बना लेना ही ज्यादा उचित था। डायरी के रूप में मन की बात कह देना अलग बात है।

   अभी ज्ञात हुआ कि इस मंच ने श्रेष्ठता का पूरा पैमाना केवल और केवल पाठक संख्या पर तय कर रखा है। कई बार श्रेष्ठ रचनाएं कुछ तकनीकी कमियों और मंच पर सही जगह स्थान न मिलने के कारण से भी पाठकों के लिये तरसती रहती हैं।

  गत महीने शव्द इन मंच द्वारा की गयी अवहेलना को बहुत पीछे छोड़ बताना चाहता हूँ कि मेरे उपन्यास दुनिया के रंग को प्रतिलिपि ने सुपर लेखन प्रतियोगिता में छठे स्थान पर पुरस्कृत किया है। वैसे इससे पूर्व कई बार प्रतिलिपि पर मेरी रचनाएं शीर्ष में पुरस्कृत होती रही हैं। पर सुपर लेखन प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान प्राप्त करना मेरी अनोखी उपलब्धि है।

   अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम। 
9
रचनाएँ
दैनंदिनी फरवरी २०२२
0.0
दैनंदिनी फरवरी २०२२
1

डायरी दिनांक ०३/०२/२०२२

3 फरवरी 2022
2
1
1

डायरी दिनांक ०३/०२/२०२२ - भांति भांति के लोग शाम के पांच बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । संसार में कितने प्रकार के जीव हैं। अधिकांश का तथा मेरा भी व्यक्तिगत विश्वास यही है कि यह सारी

2

डायरी दिनांक ०४/०२/२०२२

4 फरवरी 2022
0
0
0

डायरी दिनांक ०४/०२/२०२२ - आयुर्वेद की शरण सुबह के दस बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । हमारे बुजुर्गों और ऋषि मुनियों द्वारा इजाद पद्धतियां आज भी उस समय याद आती हैं जबकि सारे आधुनिक तरी

3

डायरी दिनांक ०५/०२/२०२२

5 फरवरी 2022
2
0
1

डायरी दिनांक ०५/०२/२०२२ दोपहर के तीन बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । आज का दिन आराम से गुजरा। छोटे मोटे व्यवधान के बाद आराम करने को मिला। दूसरी तरफ कल से आज तक बुखार नहीं आया है। हालांक

4

डायरी दिनांक ०६/०२/२०२२

6 फरवरी 2022
1
1
0

डायरी दिनांक ०६/०२/२०२२ - वास्तविक प्रेम सुबह के सात बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । वास्तविक प्रेम वही है जिसे कोशिश करने पर भी क्रोध में न बदल सकें। और यदि श्रोध के कारण कुछ समय अपना कर्तव्य न

5

डायरी दिनांक ०७/०२/२०२२

7 फरवरी 2022
1
1
0

डायरी दिनांक ०७/०२/२०२२ दोपहर के तीन बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । कल दिन भर में अलग अलग विषयों पर चार डायरी लिखीं पर कोई साहित्यिक लेखन नहीं हो पाया। डायरी के बहाने से लिखने की आदत बनी रह

6

डायरी दिनांक ०८/०२/२०२२

8 फरवरी 2022
3
1
0

डायरी दिनांक ०८/०२/२०२२ शाम के तीन बजकर पैंतालीस मिनट हो रहे हैं । कभी कभी छोटी छोटी बातें बड़ी बड़ी बातों से बहुत अधिक महत्वपूर्ण होती हैं। अक्सर जिन छोटी बातों पर मनुष्य का ध्यान नहीं

7

डायरी दिनांक ०९/०२/२०२२ - सुबह की राम राम

9 फरवरी 2022
1
1
0

डायरी दिनांक ०९/०२/२०२२ - सुबह की राम राम सुबह के छह बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं । कभी कभी जरा सी बात मन में नकारात्मकता भर देती है। इसी तरह जरा सी बात मन को सकरात्मक दिशा में मोड़ देती है

8

डायरी दिनांक ११/०२/२०२२

11 फरवरी 2022
0
0
0

डायरी दिनांक ११/०२/२०२२ - शव्द इन की तरफ से फोन रात के आठ बज रहे हैं। सोचा कि एक बार शव्द इन पर डायरी लिख ली जाये। आज शव्द इन की तरफ से किसी मैडम ने फोन कर बताया कि दिनांक ०८/०२/२०२२

9

डायरी दिनांक १३/०२/२०२२

13 फरवरी 2022
1
0
0

डायरी दिनांक १३/०२/२०२२ , शाम के पांच बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । आज पठन पाठन भले ही कम हुआ पर साहित्य सेवा का एक काम आज पूरा कर दिया जो कि मेरी अस्वस्थता के कारण अधूरा चल रहा था। कुछ स

---

किताब पढ़िए