नई दिल्ली: अपने गानों और डांस से लाखों दिलों को अपना दीवाना बनाने वाली हरियाणवी सिंगर और डांसर सपना चौधरी के लिए नई मुसीबत आई है। कुछ समय पहले सपना ने एक रागिनी गाई थी। अब वही रागिनी उनकी गले की हड्डी बनती जा रही है। रागिनी के मामले में पंजाब और हरियाणा होईकोर्ट ने सपना को दोबारा जाँच में शामिल होने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा है कि सपना चौधरी से संबंधित रागिनी को किसी भी लोकल चैनल पर न दिखाया जाए।
सपना चौधरी पर लगे हैं आरोप
सपना चौधरी ने एक कार्यक्रम में जाति विशेष पर टिप्पणी वाली रागिनी गाने का आरोप लगा है। सतपाल तंवर नाम के एक व्यक्ति ने सपना चौधरी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवा दिया था। हालाँकि कोर्ट में रागिनी मामले में सपना को राहत दी थी लेकिन अब उन्हें जाँच में दुबारा शामिल होने आदेश दिया है।
गुरुग्राम में दर्ज हुई थी शिकायत
सपना चौधरी के खिलाफ इसी साल जुलाई में गुरुग्राम के सेक्टर-29 के थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। सपना पर आरोप है कि उन्होंने चक्करपुर क्षेत्र में रागनी प्रोग्राम के दौरान दलितों के लिए अपशब्द कहे थे। जिसमें जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था।
सपना ने दी थी दलील
सपना के वकील ने कोर्ट को बताया कि सपना ने जो रागिनी गाई थी वह 50 साल पुरानी है, इससे पहले भी यह रागनी कई गायक गा चुकी हैं और किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। सपना ने केवल रागिनी गाई है और उसका मकसद किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था।
सपना ने की थी खुदकुशी की कोशिश
इस केस के बाद सपना ने खुदकुशी की कोशिश की थी। सपना ने एक सुसाइड नोट भी लिखा था। जिसमें सपना ने बताया कि उस रागनी को लेकर मैंने सोशल मीडिया और अखबारों के जरिए लोगों से माफी मांगी है। लोगों ने मुझे माफ कर दिया, लेकिन इस इंसान (सतपाल तंवर) ने मुझे माफ करना तो दूर मेरे चरित्र के बारे में भी गलत-गलत बातों का इस्तेमाल किया। सतपाल तंवर ने अपनी फेसबुक आईडी पर मेरे बारे में बहुत ही अश्लील शब्दों (नचनिया, जिस्म बेचने वाली, इसकी जगह तो पाकिस्तान में है) का प्रयोग किया है।