नई दिल्लीः अखिलेश सरकार में कब्रिस्तान घोटाले के संकेत सामने आ रहे हैं। पांच साल में कुल 13 सौ करोड़ से ज्यादा की धनराशि कब्रिस्तान की चारदीवारी बनवाने के नाम पर खर्च कर दी गई। बड़े पैमाने पर अनियमितता के साक्ष्य मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच बैठा दी है।
मोदी भी उठा चुके हैं मामला
बीते विधानसभा चुनाव के दौरान कब्रिस्तान का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी रैलियों में उठा चुके हैं। जिसके बाद श्मसान बनाम कब्रिस्तान का मुद्दा पूरे चुनाव भर गरमाया था। तभी से अटकलें लग रहीं थीं कि भाजपा सरकार आने पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लिए अखिलेश सरकार द्वारा खर्च की गई 1300 करोड़ की धनराशि की जांच हो सकती है। यही हुआ भी । अब जाकर कब्रिस्तानों की चारदीवारी पर जांच बैठा दी गई है।
आजम खान ने अखिलेश को पढ़ाया था तुष्टीकरण का पाठ
चारदीवारी के नाम पर बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की शिकायत यूं तो तत्कालीन सीएम अखिलेश के सामने कई बार आई। मगर, चाचा आजम खान के विभाग से जुड़ा मामला होने के कारण अखिलेश ने कार्रवाई की जरूरत नहींसमझी। दूसरी बात सपा के वोटबैंक से भी यह मामला जुड़ा रहा। अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ मंत्रालय भी देख रहे आजम खान ने अखिलेश को पाठ पढ़ा रखा था कि कब्रिस्तान की चारदीवारी पर 1300 करोड़ खत्म करने में घाटा नहीं हैं। क्योंकि इस पहले से मुसलमान खुश होकर बंपर वोट करेंगे।
यह कमेटी करेगी जांच
शिकायत पुख्ता मिलने पर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की एक जांच कमेटी बनाई है। ये कमेटी क़ब्रिस्तान की चारदीवारी के निर्माण की जांच करेगी। इसमें जमीन से लेकर निर्माण की गुणवत्ता, ठेके, सामाग्री की खरीद और बजट का नियमानुसार उपयोग आदि बिंदु शामिल हैं। बता दें कि सपा सरकार ने पांच सालों में क़ब्रिस्तान की चारदीवारी बनाने पर तेरह सौ करोड़ ख़र्च किए थे। पहले चार सालों में तो दो-दो सौ करोड़ लुटाए गए, जबकि चुनावी करीब आने पर आखिरी साल में पांच सौ करोड़ खर्च किए गए।