नई दिल्लीः दीवाली पर दिल मिल जाते हैं, रुठे रिश्ते फिर से खिल जाते हैं। यह जुमला यूपी में मुलामय के राजनीति क घराने पर फिट नहीं बैठा। रिश्तों पर इस कदर बर्फ जमी है कि दीवाली का दिया भी उन्हें नहीं पिघला सका। यही वजह रही कि दीपावली के मौके पर रविवार को गृह जनपद इटावा में होने के बाद भी शिवपाल यादव, अखिलेश यादव और प्रो. रामगोपाल यादव एक साथ नहीं मुलाकात किए। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी से निष्कासित अपने चचेरे चाचा रामगोपाल यादव के घर पर जाकर आशीर्वाद लिया। मगर अपने सगे चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात नहीं की। खास बात है कि शिवपाल यादव इटावा में रहने के बाद तब तक घर नहीं पहुंचे जब तक अखिलेश यादव मौजूद रहे। वहीं मुलायम सिंह यादव बीमारी का बहाना बनाकर दीवाली पर घर ही नहीं पहुंचे।
रामगोपाल ने दिया विजयी भव का आशीर्वाद
रविवार को दीपावली के मौके पर प्रो.रामगोपाल यादव के सैफई स्थित आवास जाकर सीएम अखिलेश यादव ने मुलाकात की । रामगोपाल के निष्कासन के बाद सीएम अखिलेश यादव की यह पहली मुलाकात रही । करीब आधे घंटे के आसपास हुई इस मुलाकात के बाद वैसे तो चाचा-भतीजे के बीच कोई खास राजनीतिक बात नहीं हुई मगर इस मुलाकात ने संदेश दिया कि दोनों लोग साथ-साथ खड़े हैं। भले ही मुलायम प्रो. रामगोपाल से खासे नाराज क्यों न हों।
चाचा प्रो.रामगोपाल यादव ने मुलाकात के दौरान अखिलेश को दोबारा मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया। कहा कि वे ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि विधानसभा चुनाव में भारी सफलता मिले।
पूरे परिवार से मिले अखिलेश
इटावा मुख्यालय के फ्रेंड्स कालोनी मे रहने वाले अपने चाचा राजपाल यादव,चाची प्रेमलता यादव,जिला पंचायत अध्यक्ष और चचेरे भाई अभिषेक यादव से भी मिल कर उनको शुभकामनाए दी और आर्शीवाद लिया । सीएम अखिलेश यादव यही नही रुके। वो अपने फूफा डा.अजंत सिंह के घर भी गये जहॉ पर उन्होने अपने फूफा और बुआ का भी आर्शीवाद लेकर उनको शुभकामनाए दी ।