
नई दिल्ली: भले ही हरियाणा सरकार खेल ों को बढ़ावा देने के लाख दावे करे लेकिन जब आप सोनीपत की संतोष से मिलेंगे तो सारे दावों की पोल खुल जाएगी। वेट लिफ्टिंग में नेशनल और स्टेट लेवल पर 7 गोल्ड मेडल जीत चुकीं 23 साल की संतोष आज चाय बेचने को मजबूर है। कुछ समय पहले प्रैक्टिस के दौरान संतोष के घुटने में चोट लग गई थी। जिसकी वजह से उसे मैदान से दूर होना पड़ा। इस खिलाडी के पास इतने भी पैसे नहीं हैं की वो अपना इलाज करा सके।
लगा रही है हरियाणा सरकार से मदद की गुहार
संतोष ने हरियाणा सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उसका कहना है कि मेरे पास पैसे नहीं है। जिसकी वजह से मै अपना इलाज नहीं करा सकती उम्मीद है कि हरियाणा सरकार मेरी मदद करेगी और फिर से मैदान में उतर सकूंगी।
गरीब है परिवार
संतोष ने बताया कि गरीबी के कारण वह दंगल भी लड़ती है। उसी पैसे से अपना परिवार का गुजारा करती थी लेकिन चोट के बाद कुछ करने को नहीं था। तो चाय बेचने लग गई। बता दें संतोष के पास पढ़ाई के पैसे भी नहीं हैं। गरीबी के कारण 7 लोगों के परिवार का गुजारा बड़ी मश्किल से चलता है। संतोष का परिवार एक किराए के मकान में रहता है।
झलक आया पिता का दर्द
जिस संतोष के हाथों में उनके पिता मेडल देखना चाहते थे। आज उसके हाथों में चाय की केतली देखते हैं तो उन्हें कतई अच्छा नहीं लगता। संतोष के पिता चाय की दुकान चलाते हैं उनका कहना है कि वो चाहते हैं कि उनकी बेटी खेलों में नाम बनाए, लेकिन गरीबी के कारण उसे अब खेल छोड़ना पड़ा। वहीं संतोष की मां ने कहा कि सरकार दूसरे खिलाड़ियों के लिए इतना कुछ कर रही है हम चाहते हैं कि सरकार उनकी बेटी का इलाज करवा दे।