मालवा : प्रशासन भारी पुलिस बल की मौजूदगी में दलित बेटी की शादी बैंडबाजे बजवाकर तो करवा दी लेकिन दलित परिवारों की हिम्मत नहीं बढ़ा पाया. इसका नतीजा यह रहा कि गांव के दलितो को अब 3 किमी दूर पैदल चलकर पानी लाना पड़ रहा है. क्योकि दबंगो ने कुंए में केरोसिन डाल दिया है. जिसके बाद कुए का पानी पीने योग्य नही बचा है. इस वजह से दलित परिवार दूर से पानी लाने को मजबूर है.
दरअसल 23 अप्रैल को मध्य प्रदेश का ये गांव तब सुर्खियों मे आया था जब गांव में पहली बार किसी दलित परिवार की शादी में बैंड बजा था और दूल्हा घोड़ी चढ़ा. हालांकि इस काम को कराने के लिए प्रशासन को तीन-तीन पुलिस थानों की फोर्स लगानी पड़ी. पुलिस बल भी ऐसा जो लाठियों, बंदूकों और आंसू गैस के गोलों से लैस है.
जिसके बाद अब गांव वालो का आरोप है कि शादी होने के बाद से दबंगों ने दलित परिवारों का जलस्रोतों से पानी बंद कर दिया है. इतना ही नहीं चार दिन पहले कथित लोगों ने कुएं में केरोसिन डाल दिया जिस वजह से दलित परिवार की पूरी आबादी 3 किमी पैदल चलकर कालीसिंध नदी में खोदे गड्ढे से पानी लाकर प्यास बुझा रही है.
गांव के अन्य कुएं व सार्वजनिक हैंडपंप भी बंद हो चुके हैं. एक हैंडपम्प जो चालू है वह दबंगों के इलाके में है. इससे उन्हें उस हैंडपंप से पानी नहीं भरने दिया जाता है. ऐसे में मजबूर होकर उन्हें 3 किमी दूर से पानी लाना पड़ रहा है.
मंदिर ढहाने की चेतावनी
शादी के बाद से ही गांव में तरह-तरह की अफवाह चल रही है. ममता के पिता चन्दरसिंह ने बताया कि गांव में दलित परिवारों की बस्ती के बाहर शासकीय स्कूल के समीप ही दलितों ने बाबा रामदेव का मंदिर बनाया है. इसकी वर्तमान में प्राण-प्रतिष्ठा भी चल रही है. अब दबंगों द्वारा इस मंदिर को ढहा देने की चेतावनी जैसी अफवाएं भी गांव में चल रही हैं.
अधिकरियों ने किया निरीक्षण
गुरुवार को जब ग्रामीणों ने कुएं मे केरोसिन डालने की सूचना प्रशासन को दी तो देर शाम तहसीलदार मुकेश सोनी और थाना प्रभारी ओपी मोहता ने पुलिस बल के साथ ग्राम में जाकर कुएं के पानी का निरीक्षण किया और पानी की जांच की.
शिकायत मिली थी
गांव के एक कुएं में जिससे दलित पानी भरते हैं, उसमें केरोसिन डाले जाने की शिकायत मिली थी। उसके बाद मौके पर पहुंचे तब तक ग्रामीण उस पानी को साफ कर चुके थे. अब कुएं का पानी पीने योग्य है - मुकेश सोनी, तहसीलदार सुसनेर