नई दिल्लीः सर्जिकल स्ट्राइक पर जो नेता अपनी राजनीति के लिए सुबूत मांग रहे हैं वह देश से गद्दारी करने जैसा है। यह कहना है जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के शहीद जयपाल सिंह के परिवार वालों का। जयपाल उन दो भारतीय सैनिकों में थे, जिनका 30 जुलाई 2011 को पाकिस्तानी सेना सिर काटकर ले गई थी। जयपाल सिंह का परिवार हल्द्वानी के फतेहपुर में रहता है।
नेता न गिराएं सेना का मनोबल
पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से सिर काटने के बदले भारतीय सेना द्वारा भी कार्रवाई की खबर पर शहीद के परिजन ने कुछ खुशी दिखाई मगर कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर सियासत नहीं होनी चाहिए। इससे सरहद पर तैनात जवानों का मनोबल गिरता है। वहीं शहीदों के परिवार वालों के जख्म फिर से कुरेद उठते हैं। बता दें कि देश की हिफाजत के लिए सिर कटा देने वाले दोनों सैनिक कुमायूं रेजीमेंट के थे। इसमें से एक सैनि पिथौरागढ़ तो दूसरा हल्द्वानी का रहा।