नई दिल्ली : देश का मान बढ़ाने वाले खिलाडियों पर तो केंद्र और राज्य की सरकार ने करोड़ों रुपये न्योछावर कर दिए, लेकिन वतन की रखवाली करने वालों के जान दे देने के बावजूद सरकार उनके साथ भिखारियों जैसा व्यवहार करती नजर आ रही है. जिसके चलते आतंकियों के हमले में मारे गए देश के जवानों के परिजनों में भारी रोष व्यक्त है.
घुसपैठियों से मुठभेड़ में शहीद हुए हवलदार मदन
यह दृश्य गुरुवार को उस समय सामने देखने को जब बुधवार सुबह कश्मीर के कुपवाड़ा में घुसपैठियों से मुठभेड़ में शहीद हवलदार मदन लाल शर्मा का शव उनके घर पहुंचा. पंजाब के पठानकोट जिले के घरोटा गांव में रहने वाले शहीद हवलदार शर्मा की 80 साल की बुजुर्ग मां धरमो देवी कहती हैं कि जब कोई लड़ाई नहीं हो रही है तो भी उनके बच्चे मारे जा रहे हैं.सरकार पाकिस्तान की बर्बरता का मुंहतोड़ जवाब क्यों नहीं दे रही?”
शहीदों के साथ भिखारियों जैसा व्यवहार
शर्मा की मां धरमो देवी कहती हैं, ”सरकार हमारे बच्चों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है. वे रोज मर रहे हैं और सरकार हमें भिखारियों की तरह 5 या 10 लाख दे रही है.” शर्मा की भाभी कुसुम लता ने कहा, ”खिलाड़ियों को मेडल जीतने के लिए करोड़ों मिलते हैं, लेकिन देश के लड़ते हुए शहीद होने वालों के परिवारों से भिखारियों की तरह व्यवहार किया जाता है.”
शहीद के परिवार की ख़ुशी मातम में बदली
ये सवाल है हवलदार मदन उनके परिवार में अस्सी साल की बूढ़ी मां धरमो देवी, पत्नी भावना, छह साल की बेटी श्वेता और ढाई साल का बेटा कण्व है. पांच बेटों में चौथे नंबर के शर्मा ने 17 साल पहले भारतीय सेना ज्वाइन की थी. भावना कहती हैं, ”चार महीने पहले जब उनकी (मदन) कश्मीर में पोस्टिंग हुई, तब से वह कहते थे कि वहां हालात काफी खराब हैं और दिन-रात गोलियां चलती रहती हैं.” स्कूल से तुरंत लौटी श्वेता अपनी मां के पास उदास बैठी है. बेटी को देखकर भावना की आंखें छलछला उठती हैं. वह कहती हैं, ”मुझे नहीं पता कि मैं बच्चों को अकेले कैसे पाल सकूंगी.”
जुलाई में अंतिम बार आये थे घर शर्मा
बुधवार सुबह 7.20 बजे भावना को एक फोन आया. 20 डोगरा रेजिमेंट के सूबेदार मेजर ने उनसे किसी बड़े को फोन देने को कहा. भावना ने फोन अपनी सास को थमाया. धरमो देवी को बताया गया कि उनके बेटे को गहरी चोट लगी है और उसका इलाज चल रहा है. बाद में, भावना ने अपने पड़ोसी और पार्षद देवी दत्त महाजन को इसकी जानकारी दी. जब महाजन ने भावना को आई कॉल वाले नंबर पर फिर फोन किया, उन्हें बताया गया कि शर्मा नहीं रहे. शर्मा ने आखिरी बार अपने परिवार से पिछले सोमवार को बात की थी और कहा था कि वह जनवरी या फरवरी में घर आएंगे. वह आखिरी बार जुलाई में घर आए थे.