नई दिल्ली : दौलत और शोहरत की कमी नहीं. लेकिन अपनी पहचान बनाना और कड़ी मेहनत करना बुरी बात नहीं. जी हां वही इंसान सफल होता है, जो सब कुछ हासिल करने के बाद भी अपने पुराने दिन नहीं भूलता. ऐसी ही एक सख्सियत हैं देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी.
अपनी किस्मत अपने हाथों लिखी
हालांकि आम इंसान को लगता है कि नीता अंबानी के लिए कुछ भी पाना आसान है, लेकिन ऐसा नहीं है. वह आज भी उतनी मेहनत करती हैं जितनी एक आम आदमी करता है. इस बात पर कोई भी भरोसा नहीं करेगा लेकिन ये सच है. देश की 24 टॉप मोस्ट सफल महिलाओं की जिंदगी के किस्से राइटर गुंजन जैन ने बताए. उन्होंने कहा कि किताब के लिए मैंने उन शख्सियतों को लिया, जिन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. भले वह मैरी कॉम हों, साइना नेहवाल, नीता अंबानी, सुधा मूर्ति या फिर प्रियंका चोपड़ा हों. स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट, बिजनेस हर फील्ड की उस शख्सियत को चुना है, जिन्होंने अपनी किस्मत अपने हाथों लिखी है. प्रस्तुत हैं मेरी इस किताब में दिए कुछ रोचक व प्रेरक किस्से. क्यों नीता ने शादी से पहले मुकेश अंबानी को बस में कई बार सफर करवाया.
धीरूभाई का नाम सुनते ही नीता ने क्यों काटा फ़ोन
नीता ने किताब के लिए गुंजन जैन को क्या बताया अपनी बीती जिंदगी के बारे में. किताब में इंटरप्रेन्योर नीता अंबानी का किस्सा भी कम रोचक नहीं. नीता ने बताया, भरतनाट्यम की प्रस्तुति देने के बाद जब घर लौटी तो उनके फोन पर एक घँटी बजी. फ़ोन रिसीव किया तो उधर से आवाज आई कि मैं धीरूभाई अंबानी बोल रहा हूं. क्या मैं नीता से बात कर सकता हूं? मैंने जवाब दिया, नहीं मैं नीता नहीं एलिजाबेथ बोल रही हूं और फोन रख दिया. दरअसल नीता को लगा कोई है जो धीरूभाई अंबानी बन कर मुझ से मजाक कर रहा है. भला अंबानी मुझे क्यों फोन करेंगे.
दीवाने मुकेश ने बस में सफर किया नीता को पाने के लिए ऐसे उन्होंने जब तीसरी बार फोन किया तो मेरे पेरेंट्स ने कहा कि बात तो कर लो ठीक से, क्या पता सच में धीरूभाई अंबानी ने ही फोन किया हो. इसके बाद मैंने उनसे बात की और उन्होंने मुझे मुकेश से मिलवाया. शादी के लिए ‘हां’ करने से पहले मैंने मुकेश को बसों में अपने साथ ट्रैवल करवाया और कहा, क्या अब भी मुझसे शादी करोगे क्योंकि मेरी लाइफ यही है. किसी बड़े नाम से जुड़ जाना आसान है लेकिन खुद की आइडेंटी खोने का डर आज भी है. इसलिए मैं अपने काम के प्रति पैशनेट हूं. जब तक मेरे प्रोजेक्ट में परफेक्शन ना आ जाए उसके लिए मैं रातभर मेहनत करती हूं. क्योंकि मैं दुनिया में अपने नाम के पीछे अच्छे कामों की लिस्ट छोड़कर जाना चाहती हूं.