नई दिल्लीः स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने देश के नाम संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने दो मुख्य बातें कहीं। मसलन, जब तक हम महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा नहीं दे सकते, तब तक सभ्य समाज
पेश है राष्ट्रपति के संबोधन की 10 प्रमुख बातें
1-कमजोर तबके पर हमले से भारत के राष्ट्रीय चरित्र को पहुंच रहा नुकसान।धर्म की आड़ में लोगों को कट्टरपंथी बनाकर हिंसा की आग में झोंका जा रहा। ऐसी ताकतों से सख्ती से निपटकर भारत की शानदार यात्रा जारी रहेगी
2-भारत की विदेश नीति शांतिपूर्ण सह अस्तित्व, आर्थिक विकास के लिए संपदा के इस्तेमाल पर केंद्रित की जाती रहेगी
3-राष्ट्रपति ने देश की आजादी के लिए जीवन बलिदान करने वाले वीर जवानों के सम्मान मे शीश झुकाने की बात कही
4-राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी बोले-भारत आगे बढ़ेगा, तब जबकि विकास की मुख्य धारा में वंचितों की भागीदारी सुनिश्चित होगी
5-हम प्रायः अपने अतीत की उपलब्धियों पर ही जश्न मनाते हैं, जबकि बाकी उपलब्धियों को नजरअंदाज करना गलत होगा।
6-जीएसटी बिल का सर्वसम्मति से पास होना देश में लोकतंत्र की परिपक्वता का सबसे बड़ा उदाहरण है
7-हम सभी देशों के आपसी हितों और साझा मूल्यों को ध्यान में रखकर नए संबंध विकसित करने की दिशा में है
8-राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि-हमारा अध्ययन और गुणयुक्त हो और आपस में वैर-भाव की कोई जगह न हो। चारों ओर सिर्फ शांति हो
9-भविष्य की ओर से देखना महत्वपूर्ण बात है। इस दौर में सहयोग, अन्वेषण और विकास के लिए हाथ मिलना जरूरी है
10-हमारी सोच को वै ज्ञान िक नजरिए से बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है