नई दिल्ली : देश के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर और प्रधानमंत्री पीएम मोदी के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर शीतयुद्ध छिड़ गया है. पिछले कई दिनों से चल रही ये टकराव की स्थिति अब तो खुलेआम मंच से भी शब्दों के बाण चलने शुरू हो गए हैं. और तो और जजों की नियुक्ति न होने पर चीफ जस्टिस ठाकुर ने शनिवार को अपना गुस्सा सार्वजनिक मंच के जरिये पीएम पर निकाला.
चीफ जस्टिस बोले अदालतें पड़ीं हैं खाली
केंद्र सरकार की तीखी आलोचना करते हुए चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि देश में अदालतें खाली पड़ी हुई हैं, लेकिन जज नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई कोर्ट रूमों में ताला लगा हुआ है. क्योंकि सरकार जजों कि नियुक्ति नहीं कर रही है. जनता परेशान है. यही नहीं देश कि अदालतों में जजों के न होने से लाखों मुकदमें पेंडिंग में पड़े हुए हैं. जनता इंसाफ के लिए भटक रही है.
रविशंकर प्रसाद क्या बोले चीफ जस्टिस के बयान पर ?
उधर चीफ जस्टिस के इस चौकाने वाले बयान को लेकर सरकार के केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा है कि जजों का बड़ा सम्मान वह करते हैं, लेकिन जजों की नियुक्ति को लेकर सही तस्वीर नहीं पेश की जा रही है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार ने 120 जजों की नियुक्ति अपने कार्यकाल में की है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 20 सालों में सालाना औसत रिकार्ड यही रहा है कि 80 जजों कि नियुक्ति का औसत रहा है.
SC करेगा वैलेडिटी और असुविधाओं के पहलुओं की जांच
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी से आम लोगों को हो रही दिक्कतों को गंभीर बताया था. चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा है, ‘‘देखते हैं क्या किया जा सकता है. उन्होंने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा था किसुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 2 दिसंबर की तारीख तय की है. कोर्ट ने कहा है कि हम डिमोनेटाइजेशन पर 8 नवंबर को जारी नोटिफिकेशन की संवैधानिक वैलेडिटी और असुविधाओं के पहलुओं की जांच करेंगे.