नई दिल्ली : देश के उच्चतम न्यायालय पुरुषप्रधान है, क्योंकि देश के 24 उच्च न्यायालयों में नियुक्त कुल 632 जजों में से केवल 68 यानी 10.7 फीसदी ही महिलाएं हैं। एक रिपोर्ट की माने तो ऐसा पहली बार हुआ है जब देश के चार बड़े उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायधीश के रूप में महिलाएं नियुक्त हैं।
इन न्यायालयों में बॉम्बे हाईकोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट, कोलकाता हाईकोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट शामिल हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायधीश जी रोहिणी, मुंबई हाईकोर्ट ने मंजुला चेल्लूर, कोलकाता में निशिता निर्मल और मद्रास हाईकोर्ट की मुख्य न्यायधीश इंदिरा बनर्जी हैं।
31 मार्च को मद्रास हाईकोर्ट की मुख्य न्यायधीश इंदिरा बनर्जी की नियुक्ति हुई। यहाँ 53 पुरुष न्यायधीश हैं जबकि मुख्य न्यायधीश इंदिरा बनर्जी को मिलाकर कुल 6 महिला न्यायधीश हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट में मुख्य न्यायधीश के रूप में मंजुला चेल्लूर की नियुक्ति की गई, वह पिछले साल 22 अगस्त को बॉम्बे हाईकोर्ट की मुख्य न्यायधीश नियुक्त की गई। हालाँकि मुंबई हाईकोर्ट में सबसे ज्यादा महिला जज हैं, यहाँ 61 पुरुष जजों के मुकाबले 11 महिला जज हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट की बात करें तो यहाँ जी रोहिणी मुख्य न्यायधीश की भूमिका में हैं। यहाँ 35 पुरुष जज और 9 महिला जज हैं। देश के 24 उच्च न्यायालयों में 632 जजों में से महिला जजों की संख्या सिर्फ 68 है, जो कि केवल 10.7 प्रतिशत है। सर्वोच्च न्यायालय में 28 न्यायाधीशों में से सिर्फ एक महिला न्यायाधीश, आर बनुमती हैं।