हाइवे पर एक बाइक तेज रफ्तार से भागे जा रही थी।
कुछ देर बाद वो बाइक इक रेस्टोरेंट के सामने आ कर रुकती हैं.. उस बाइक को पार्क कर वो लड़का अंदर जाता हैं।
इधर उधर नज़र डालता किसी को ढूंढ रहा वो ,तो वहां सबसे लास्ट वाली टेबल पर बैठी एक लड़की नज़र आती हैं।
उसके पास जाते ही... वो लडका बोलता है..बोलो क्यूं बुलाया यहां मुझे..?
अब आगे.............
सबसे लास्ट वाली टेबल पर बैठी एक लड़की नज़र आती हैं।
उसके पास जाते ही... वो लडका बोलता है..बोलो क्यूं बुलाया यहां मुझे..?
ऐसी आवाज सुनते ही तान्या पिछे पलट कर देखती है तो देव खड़ा था.... तान्या देव को देखते ही झट से उसके गले लग रोने लग जाती हैं!
देव तान्या को रोते देख... उसका सर सहलाते हुए
शशश..... अब चुप बिल्कुल भी रोना नहीं है।
देव – अच्छा तू यहां अचानक कैसे..? और तू रो क्यों रही है बता तो तनु..? हुआ क्या है तुमको बताओ भी अब.?
तान्या – आप चुप होगे तभी तो मैं कुछ बोलूंगी ना.. जबसे आप आए हो बस आप ही बोले जा रहे हो। और वो भी गुस्से में, तो मैं कैसे और क्या बोलूं.?
देव – अच्छा ठीक है!अब मैं चुप हूं चल अब बता क्या हुआ..?
तान्या – नही! अब मुझे बहुत जोरो से भूख लगी है! पहले आप मुझे कुछ खिलाओ!
फिर ही मैं अब कुछ बोलूंगी बस!
देखो तो जरा! आपके वजह से ही मुझे इन्ना सारा रोना पड़ गया! आपको पता है?? इन्ना सारा रोने से मेरी सारी बातें गायब हो गई! अब मैं कैसे और क्या आपको बताऊं.?
देव – तान्या की नौटंकी बाते सुन मुस्कुरा देता है!
फिर वेटर को बुलाता है!
वेटर – यस सर!
देव – तान्या से! क्या खाओगी..?
तान्या – अपनी बडी बडी आंखे करके देव की तरफ देखते हुए ! कुछ भी मतलब!
कुछ भी! आप मुझसे पूछ रहे हो मैं क्या खाऊंगी..?आपको नहीं पता मै क्या खाऊंगी..? "रोनी सूरत बना कर तान्या बोलती है।
देव – अच्छा मेरी मां! अब रोना मत शुरू कर देना! मै ही मांगाता हूं! अब चुप!
तान्या – हम्मम! खड़ूस!
देव – वेटर से! छोले भटूरे! पर स्पाइसी बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए! और दो गुलाब जामुन! एक कॉफी!
वेटर – ok सर!
देव – तान्या के हाथों को पकड़ते हुए अब बताओगी ..??
यहां यूं अचानक कैसे..? और किसके साथ आई हो.?
कमसे कम एक बार इनफॉर्म तो करना ही चाहिए था ना तुम्हे..???
तान्या – मैं कोई बच्ची हूं क्या..?🥺 जो मै अकेले कही आ जा नहीं सकती?
जब देखो आपको बस एक मौका मिलना चाहिए हमे डांटने का खडूस से भी ज्यादा खडूस बन जाते हो..आप जाओ मुझे तो आपसे बिल्कुल भी बात ही नहीं करनी हू....
देव – गुस्सा तो पहले से था! फिर भी थोड़ा शांत होते हुए .. तनु देखो मै नही कहता! की तू बच्ची है! या अकेले कहीं आ जा नही सकती! ऐसा मैं बिल्कुल भी नहीं कहता! फिर भी ऐसे बिना इनफॉर्म किए आने की जरुरत ही क्या थी..?
तान्या – वो मै ना आपको सरप्राइज देना चाहती थी!
पर देखो! जैसे आपको तो मेरे यहां आने से शॉक्ड लगा हो..! क्या मेरे यहां आने से आपको अच्छा नही लगा..?
"तान्या उदास मन से बोलती है!
देव – नही यार! ऐसा नहीं है!
तान्या – बहुत जायदा उदास मन से! फिर कैसा है...?
देव – उसको ऐसे उदास होते देख! बहुत प्यार से उसके दोनो गालों को पकड़ कर! अगर आ ही रही थी तो मुझे एक msg ही कर दिया होता! मै आ जाता तुम्हे लेने!
तान्या – अगर आपको बता दिया होता तो मेरे सरप्राइज
का क्या होता..?🥺
मैंने सोचा इस बार तो मैं आपको सरप्राइज ही कर दूंगी यूं अचानक आ कर!
पर मुझे ऐसा लगता हैं! मेरे यहां आने से आपको बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा!😔😔
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क्रमश: जारी है..............
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🖤...Jai mahakal...🖤