टिपटिपाती है बारिस, मानों मेघों में हों छेंद।गड़गड़ाती बिजलियाँ, ध्वनि बहुत है तेज़।तीव्र कभी-कभी हौले, जो बड़ा लगाये जोर।कभी इधर-कभी उधर, मानों लगी हो डोर।मेघ वारि भरकर लाए, और दिया निचोड़।और लाओ और लाओ, ऐसी लगी है होड़।।-सर्वेश कुमार मारुत
बड़े-बड़ो ने सुर लगाया जोर लगाया सारा हम उस देश के वासी है जो देश कभी ना हारा बड़े-बड़ो ने सुर लगाया जोर लगाया सारा हम उस देश के वासी है जो देश कभी ना हारा हा बोल मेरी आवाज में तू आवाज मिला के यारा हा बोल मेरी आवाज में तू आवाज मिला के यारा पुरे सांग क लिरिक्स देखने के लिए निचे लिंक पर क्लिक करे Jeetenge