उरी में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ अपने कड़े रुख को बरकरार रखते हुए भारत अब इस बात पर फैसला करने जा रहा है कि पाकिस्तान को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिया जाए या नहीं. इस मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाई है.
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल व विदेश सचिव एस जयशंकर के साथ अन्य शीर्ष अधिकारियों से इस बात पर भी सलाह-मशविरा किया था कि क्या पाकिस्तान से की गई दशकों पुरानी सिंधु जलसंधि को नए सिरे से परिभाषित करना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा था, "खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते हैं..." सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के साथ छह नदियों के पानी के बंटवारे के लिए की गई संधि की समीक्षा करने के विकल्प सरकार ने खुला रखा है.
दरअसल, 18 सितंबर को जम्मू एवं कश्मीर के उरी में सेना बेस पर पाकिस्तान-स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए आतंकवादी हमले के बाद से भारत में उन कदमों पर बहस लगातार जारी है, जो पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए उठाए जा सकते हैं.
क्या है MFN स्टेट्स?
वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों को लेकर एमएफए स्टेट्स दिया जाता है. एमएफएन स्टेट्स दिए जाने पर दूसरे देश इस बात को लेकर आश्वस्त रहता है कि उसे व्यापार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था. इसकी वजह से पाकिस्तान को अधिक आयात कोटा और कम ट्रेड टैरिफ मिलता है. हालांकि, बदले में पाकिस्तान ने आश्वासन देने के बावजूद भारत को अब तक एमएफएन दर्जा नहीं दिया है.