नई दिल्लीः क्या जोश और जज्बे की कहानी है। वाह। गजब। मजा आ गया। तस्वीर में दिख रहीं दादी अम्मा ने 93 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया और सौ साल की उम्र तक अपने नाम पांच गोल्ड मेडल और दो विश्व रिकॉर्ड कर लिए। यह दादी अम्मा चंडीगढ़ की रहने वालीं हैं। नाम है मन कौर। जिस उम्र में अमूमन लोग बिस्तर पकड़ लेते हैं, उस उम्र में मन कौर ने वैनक्युवर सीनियर गेम्स प्रतियोगिता में भाग लेकर भारत का मान बढ़ा दिया। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की वह उम्रदराज महिला प्रतिभागी रहीं।
इतने पदक हैं मनकौर के नाम
मन कौर ने चंडीगढ़ में नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप के साथ सेक्रेमेंटो में वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया। यहां उन्होंने 95 साल आयु वर्ग में दो गोल्ड मेडल जीते। यही नहीं अपने वर्ग में उन्होंने दो विश्व रिकार्ड भी अपने नाम किए। उन्हें साल का सर्वश्रेष्ठ एथलीट घोषित किया गया। मनकौर ने सौ, दो सौ और चार सौ मीटर की दौड़ के साथ शॉटपुट और जेवलिन थ्रो में अब तक पांच स्वर्ण जीत चुकी हैं।
बुढ़ापे में धावक बनने का सपना किया पूरा
आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि जवानी में मनकौर ने किसी भी खेल प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया। जब 93 साल की हुईं तो पहली बार धावक बनने की बात दिलोदिमाग में आई। दादी की उम्र में उन्होंने पहली बार एक दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। उनके बेटे 78 वर्षीय गुरुदेव कहते हैं कि सन 2011 में उनकी मां को लगा कि वे भी तो दौड़ सकती हैं। जिस पर सीनियर गेम्स में बुजुर्ग खिलाड़ियों के हिस्सा लेने के कारण मां को प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिला।
घर का ही खाना खाती हैं मन कौर
बेटे गुरुदेव कहते हैं कि मां सेहत को लेकर बहुत जागरूक हैं। रोजाना सुबह उठकर पार्क में टहलती हैं। कभी बाहर का खाना नहीं खाती हैं। हमेशा घर में बना सादा भोजन ही ग्रहण करती हैं।