शब्द जो ब्रह्मरूप हैं ,शब्दों का नाद सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में प्रवाहित है ,हम उच्चारित या श्रवण करते हैं,वह हमें बाह्य और आतंरिक दोनों रूप प्रभावित करता है ! सुनिश्चित करें कि क्या सुनें ,क्या बोलें ! क्या लिखे हमारी लेखनी जो माँ सरस्वती की विशेष अनुकम्पा का प्रतीक है !आइए आपका स्वागत है भाावों के धरातल पर भावांकन के लिए !