रांची/गढ़वा :- यहां के दतवनिया गांव के किसान की 19 साल की बेटी गुलशन खातून तीन महीनों से कशमकश में थी. उसका निकाह कांडी ब्लॉक के पतिला गांव के शमशुल हक से तय हुआ. दहेज में डेढ़ लाख कैश मांगा गया. गुलशन का बड़ा भाई 75 हजार रुपये फरवरी में दे आया. फिर मार्च में भी इतनी ही रकम लेकर गया तो लड़के वालों ने पूरे दो लाख देने को कहा. पिता तजमून अंसारी ने थोड़ी सी जमीन और ढोर-डंगर बेचे. किसी तरह दो लाख रुपये पूरे भिजवाए.
जुमेरात को बारात गई. काजी भी गए. तभी दुल्हन ने कह दिया कि निकाह तभी करेगी, जब दहेज में लिए दो लाख रुपये लौटा दें. लड़के वालों ने भी दबाव बनाया दो लाख रुपये वापस लेंगे तो दूल्हा बैरंग जाएगा. वे सोच रहे होंगे कि शायद लड़की वाले दुल्हन को मना लेंगे. मगर उसने भी कह दिया, यहां निकाह ही नहीं करेंगे. बीच के लोगों और थानेदार के सामने पूरे 18 घंटे बाद दो लाख लौटाए गए. बारात भी दुल्हन ने लौटा दी.
तभी गांव में मोबाइल फोन की दुकान चलाने वाले 21 साल के खलील अंसारी ने दुल्हन के साथ निकाह की पेशकश की. यह तस्वीर जुमे को उनके निकाह के तुरंत बाद की है. दुल्हन ने शादी की मुबारकबाद कुबूल करते हुए कहा, जिस घर में लालच हो, वहां दहेज देकर भी जीना मुश्किल ही होता. दूल्हे ने कहा, ऐसी हिम्मतवाली बीवी जिस घर में होगी, वो खुशहाल ही होगा. मैं इनका शुक्रगुजार हूं जो इन्होंने रिश्ता कुबूला. शादी मुबारक!