नई दिल्ली : पटना में पीएम मोदी के साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार भगवा पगड़ी पहनकर किसकी पगड़ी उछालने की तैयारी कर रहे हैं. कल तक एक दूसरे के कट्टर विरोधी रहे नीतीश अब जहां मोदी की कालेधन को लेकर की गयी कार्रवाई की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं वहीँ पीएम मोदी भी बिहार में हुई शराब बंदी को देश के लिए एक अच्छा मैसेज बता रहे हैं.
लालू से अब नीतीश दबने वाले नहीं
दोनों के बीच चल रही इस जुगल बंदी को लेकर राजनीति के पुरोहित राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के लिए खतरा बता रहे हैं. दरअसल शहाबुद्दीन और कई अन्य मामलों में राजद सुप्रीमो लालू के दबाव में काम कर रहे नीतीश कुमार अब पीएम मोदी से मिलकर अपने आपको स्वतंत्र महसूस कर रहे हैं. कल तक वह लालू के दबाव में रहकर काम कर रहे थे, लेकिन अब लालू को उन्होंने यह अहसास करा दिया है कि गठबंधन का दबाव अब उन पर चलने वाला नहीं. अगर लालू कि राजद उन्हें समर्थन नहीं देती है, तो वह बीजेपी के साथ मिलकर अपनी सरकार बना लेंगे.
नीतीश किसको देना चाहते हैं संदेश
दरअसल पटना में गुरु गोविन्द सिंह के 350 वें प्रकाश उत्सव पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जहां पीएम मोदी पहुंचे थे वहीँ मेजबान मेहमान के रूप में पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पहुंचे थे. मंच पर जहां सफ़ेद रंग की पगड़ी रवि शंकर प्रसाद और नीले रंग की पगड़ी में जहां बादल नजर आ रहे थे वहीँ पीएम मोदी और नीतीश कुमार ने भगवा पगड़ी बांध रखी थी. यही नहीं जब मंच से भाषण देने नीतीश कुमार आये तो उन्होंने पीएम मोदी की कालेधन को लेकर की गयी तारीफ के फूल बांधने से नहीं चुके. इतना ही नहीं जब मोदी के बोलने की बरी आयी तो उन्होंने भी नीतीश कुमार की शराब बंदी को लेकर जमकर तारीफ की.
नीतीश अचानक क्यों मोदी का गुड़गान करने लगे ?
और तो और मोदी ने कहा की नीतीश कुमार ऐसे बिहार के सीएम हैं, जो बिना नफा नुकसान के सरकार चला रहे हैं. उन्होंने सोसाइटी को बदलने का बीड़ा उठा रखा है. यही नहीं शराब बंदी से बिहार देश में प्रेरणा वाला राज्य बन रहा है. फिलहाल कल तक एक मंच पर आने से कतरा रहे नीतीश कुमार ने 2014 में हार की शक्ल ना देखने के इरादे से अपने सीएम पद की कुर्सी से इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को अपनी कुर्सी सौंप दी थी, वही नीतीश कुमार आज मोदी से गांठ से गांठ जोड़कर क्यों बैठ रहे हैं. बहरहाल इससे साफ जाहिर होता है कि अब वह लालू के दबाव में आने वाले नहीं.