नई दिल्लीः हांफते टू जी नेटवर्क और कॉल ड्राप की समस्या से जूझते मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल और निजी ऑपरेटर वोडाफोन के बीच दोस्ती हो गई है। टू जी इंटर-सर्कल रोमिंग को लेकर दोनों कंपनियों ने हाथ मिलाते हुए एक दूसरे के नेटवर्क की बेहतरी के लिए अपने संसाधनों के भरपूर इस्तेमाल की तैयारी की है। माना जा रहा कि इस पहल से दोनों कंपनियों के उपभोक्ताओं को कॉल ड्राप से कुछ हद तक छुटकारा मिलेगा। यह भी पढ़ें ..जब घर से निकले तो जेब में थे 250 रुपये, आज हैं 150 करोड़ की कंपनी के मालिक
क्या कहा बीएसएनएल ने
बीएसएनएल के चेयरमैन और एमडी अनुपम श्रीवास्तव कहतदे हैं कि इंटर-सर्कल रोमिंग करार से दोनों कंपनियों के ग्राहकों का नेटवर्क कवरेज बढ़ेगा। गोवा में अगले माह प्रस्तावित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में दोनों कंपनियां मिलकर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएंगे।
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2 जी नेटवर्क विस्तार में मिलेगी मददःवोडाफोन
वोडाफोन के सीईओ सुनील सूद को भी इस करार से ढेरों आशाएं हैं। उन्होंने कहा कि इससे वोडाफोन को अपने 2-जी नेटवर्क का विस्तार करने में मदद मिलेगी। खासतौर से ग्रामीण एरिया का नेटवर्क दुरु्त होगा। सबसे खास बात है कि वोडाफोन को तमिलनाडु में काफी राहत मिली है। क्योंकि यहां कंपनी 900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम दोबारा नहीं पा सकी थी। जिससे अब बीएसएनल के साथ जुड़ने से समस्या दूर हो गई है।
बीएसएनएल-वोडाफोन की है क्या क्षमता
पूरे देश में बीएसएनल के कुल एक लाख 14 हजार टॉवर हैं। ग्रामीण इलाकों इस सार्वजनिक कंपनी की काफी पहुंच है। वहीं वोडाफोन के टॉवर्स की संख्या 1.37 लाख है। बीएसएनएल के पास जहां जून 2016 तक 8.95 करोड़ ग्राहक रहे तो वोडाफोन के पास दोगुने से ज्यादा करीब 19.9 करोड़ कस्टमर हैं।