नई दिल्ली : एमपी के दतिया में मां पीतांबरा देवी के मंदिर में नोटबंदी के बाद से भक्तों कि लगने वाली अर्जियों में बढ़ोत्तरी होते हुए दिखाई दे रही है. आलम यह है कि पंद्रह दिनों में खुलने वाली अर्जी पेटी में इस बार 115 अर्जियां निकली हैं.
लिखित अर्जी की परंपरा पुरानी
वैसे तो अर्जी लगाकर मन्नत मांगने कि परंपरा यहां सदियों से चली आ रही है, लेकिन इस बार जो अर्जियां यहां पेटियों में डाली गयीं हैं. उनकी संख्या में पिछले समय से इस बार काफी इजाफा हुआ है. आस्था की इस सिद्ध पीठ पर देश के कई बड़े राजनेताओं से लेकर हर बड़ा छोटा व्यक्ति मां पीतांबरा देवी के इस मंदिर में अपनी मुराद लेकर मन्नत मांगने आता है. लेकिन जब से नोटबंदी हुई है, तब से यहां अर्जियां अधिक लोग लगते हुए दिख रहे हैं.
नोटबंदी ने भक्तों को बनाया कंगाल
दरअसल दूरदराज से आने वालों को यहां आने पर आने के किराये में लगने वाले पैसों की जरुरत होती है. लेकिन मंदिर में लगी भक्तों की अर्जियां भी नोटबंदी के असर को साफ बयां करती हुई दिखाई दे रही हैं. इस बार पेटी में 115 अर्जियां थीं. इनमें से 6 अर्जियां दुश्मन को मारने और 5 उधारी दिलवाने की हैं. मंदिर के ट्रस्टी हरीराम सांवला कहते हैं, "मंदिर में भक्त मां से अपनी मन्नत पूरी होने के लिए अर्जी लगाते हैं. लेकिन इस बार अर्जियां सबसे ज्यादा मिली हैं."
जानिए किस काम के लिए लगीं हैं अर्जियां
दानपेटी में मिली इन अर्जियों में से 52 सुख शांति के लिए, 40 नौकरी के लिए, 12 पुत्र प्राप्ति के लिए, 5 उधारी वापसी के लिए और 6 अर्जियां दुश्मन को मारने के लिए लगाईं गयीं हैं.