लखनऊ: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की लखनऊ शाखा की आज हुई जनरल बॉडी की बैठक में यह फैसला किया है कि चूँकि जेनरिक दवायें सस्ती तो होती हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगता रहता है जबकि ब्रांडेड दवायें महंगी हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगता है इस कारण लखनऊ के चिकित्सक मरीजो को जेनरिक दवा के साथ साथ ब्रांडेड दवा का नाम भी लिखेंगे।
चिकित्सक ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री की दवाओं के दाम करने की नीति का स्वागत करते हुए कहा गया कि आईएमए उनके साथ है। लेकिन जेनरिक दवाओं की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगते रहने के कारण एसोसिएशन का मानना है कि जेनरिक के साथ ही ब्रांडेड दवा भी मरीजों को लिखना सही होगा अब यह मरीज के ऊपर है कि वह क्या चयन करता है।,
बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट जबरन थोपे जाने का विरोध जताते हुए उन्हें पत्र लिखने का भी निर्णय लिया गया।
चिकित्सको के अनुसार बैठक में सरकार को सुझाव देते हुए कुछ मांगें भी रखी गयी हैं जिसमे ब्रांडेड एवं पेटेंट दवाओं के दाम कम कराना, जेनरिक दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित रखना, जेनरिक दवाओं का मेडिकल स्टोर पर वितरण फार्मासिस्ट की देखरेख में कराना, बिना डॉक्टर के पर्चे के दवा न मिलना, बिना डिग्री धारक को एलोपैथिक दवाएं लिखने से रोकना, प्राइवेट प्रैक्टिस के नाम पर सरकारी डॉक्टरों का फर्जी स्टिंग ऑपरेशन के जरिये उत्पीडऩ रोकना आदि शामिल है।
बैठक में मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य की दिशा में बेहतर कार्य करने की सराहना करते हुए उन्हें बधाई के साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सहयोग का आश्वासन भी दिया गया।