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ऐ सुनों. ...

8 दिसम्बर 2021

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ऐ सुनों. . . .

ऐ सुनो मुझे कुछ कहना है . . .

वह  अनकहे सच जो दफन है मेरे सीने में,

जो मैं नहीं कह पाई कभी तुमसे ।

कोई भी औरत नहीं कह पाती है, अपने प्रिय से 

क्योंकि रिश्तो को बचाने की जिम्मेदारी

तो सिर्फ हमारी ही होती है ।

मालूम है जब वह मजाक मजाक में हंसते हंसते 

तुम मेरे मायके वालों को गाली  देते हो 

मैं कुछ नहीं कह पाती हूँ ,

अंदर से घुटती हूँ, बाहर से मुस्कुराती हूँ।

या कभी जब तुम तकिया कलाम की तरह

मां बहन की गालियां धड़ल्ले से बोल जाते हो।

मैं सिहर जाती हूँ, सहम जाती हूँ

लगता है बीच चौराहे पर मुझे नंगा कर दिया गया है

मैं कुछ नहीं कहती हूँ

सिर्फ मुस्कुराती हूँ,

क्योंकि परिवार को बचाने की जिम्मेदारी मेरी ही है।

कभी सोचा है तुमने ? 

जब तुम 400 देकर 

500 खर्च किए हैं फिर भी हिसाब मांगते हो ।

जानते हो कि मैं नहीं कमाती हूँ,

कैसे पाई पाई जोड़ कर पैसे बचाती हूँ।

कहीं अंदर से टूट जाती हूँ।

क्या कभी मैं अपनी बचत से अपने लिए

लिपस्टिक, बिंदी, चूड़ी लाती हूँ ?

ऐ सुनो बुरा तो तब भी  बहुत लगता है ।

जब बच्चों की सफलता पर

मेरे बच्चे कहकर खुशी मनाते हो 

और गलती पर बहुत बिगड़ रहे हैं 

तुम्हारे बच्चे कह जाते हो ।

मैं सोचती हूँ , पर कह नहीं पाती हूँ

कि तुम "हमारे" क्यों नहीं कह पाते हो ?

"चलो शिकायते तो बहुत हो गई "

तुम्हें ऐसा लगता है ना 

पर मैंने कुछ ही कही है। 

कुछ तो गहरे दफन हो गई है  I

मुझे शिकायत नहीं हैं तुमसे कि तुम 

मेरे लिए वेणी गजरा नहीं लाते  हो 

पर जब तुम मुँह फेर  कर सो जाते हो 

बहुत अपरिचित लगते हो तुम

अपने एहसास कुछ भी कह नहीं पाती।

अपने जज्बात छुपा ले जाती हूँ।

सिसकियों के साथ सो जाती हूँ।

क्योंकि रिश्तो को बचाने की जिम्मेदारी तो मेरी ही है।

मौलिक एंव स्वरचित

आपके सुझाव एंव प्रोत्साहन का स्वागत हैं।

अरुणिमा दिनेश


रेखा रानी शर्मा

रेखा रानी शर्मा

बहुत सुन्दर 👌 👌 👌

1 जनवरी 2022

Jyoti

Jyoti

👌

31 दिसम्बर 2021

Anita Singh

Anita Singh

एकदम सटीक और सुन्दर ,क्या सुंदरता से सब बता दिया जो दिल में कंही लगता है

30 दिसम्बर 2021

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